Edited By Anil dev,Updated: 27 Jul, 2022 04:00 PM
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि गोलाबारूद के क्षेत्र में देश की आर्थिक कुशलता झलकती है और भारत को इस क्षेत्र में अनुसंधान और विकास बढ़ाने तथा उत्पादन क्षमता में वृद्धि करने पर ध्यान देना चाहिए।
नेशनल डेस्क: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि गोलाबारूद के क्षेत्र में देश की आर्थिक कुशलता झलकती है और भारत को इस क्षेत्र में अनुसंधान और विकास बढ़ाने तथा उत्पादन क्षमता में वृद्धि करने पर ध्यान देना चाहिए। सिंह ने भारतीय वाणिज्य और उद्योग चैंबर महासंघ (फिक्की) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान कहा, “हम उस समय से बहुत आगे निकल चुके हैं जब बम का आकार और उसकी विस्फोटक क्षमता ही महत्व रखती थी। अब उनका स्मार्ट होना भी मायने रखता है।” उन्होंने कहा कि अगर उन्नत गोलाबारूद नए जमाने के युद्ध की वास्तविकता है तो देश को अपना ध्यान इस क्षेत्र में होने वाले अनुसंधान और विकास, स्वदेशी क्षमता और उत्पादन क्षमता पर केंद्रित करना चाहिए।
उन्होंने कहा, “विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में किसी देश की प्रगति और आर्थिक विकास, हथियारों तथा गोलाबारूद निर्माण की उसकी क्षमता से अपने आप परिलक्षित होते हैं।” सिंह ने कहा कि भविष्य में नए रास्ते बनाने के लिए व्यक्ति को इतिहास से सही सबक लेना चाहिए। रक्षा मंत्री ने कहा, “इतिहास हमें बताता है कि जब भी किसी ने दुनिया पर अपना प्रभुत्व कायम किया तो वह इसलिए कर सका क्योंकि उसने गोलाबारूद के क्षेत्र में विभिन्न प्रयोग और अनुसंधान किया था।” उन्होंने कहा कि मुन्थो ढालो बेस पर सटीकता से निशाना लगाने वाले गोलाबारूद के इस्तेमाल ने कारगिल युद्ध के दौरान अहम भूमिका निभाई थी।
सिंह ने कहा, “इसके चलते, हमें इस युद्ध में बड़ी जीत मिली थी और कल ही (मंगलवार) हमने कारगिल युद्ध की 23वीं वर्षगांठ मनाई।” उन्होंने कहा कि 2019 में पुलवामा हमले के बाद भारत ने एक बार फिर इन गोलाबारूद की सटीकता को देखा जिसने हमारे सशस्त्र बलों को अपने अभियान में सफलता दिलाई। सिंह के अनुसार, यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि बदलती विशेषताओं के साथ भविष्य में भी गोलाबारूद युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि आधुनिक दौर की लड़ाइयों में गोलबारूद नए अवतार में सामने आ रहे हैं।