Edited By Anil dev,Updated: 15 Dec, 2020 11:08 AM
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर किसान आंदोलन की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि वह जनता की समस्याओं का समाधान करने की बजाय सिर्फ अपने पूंजीपति मित्रों के हितों को महत्व देती है। गांधी ने कहा कि सरकार की नीतियों के खिलाफ...
नेशनल डेस्क: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर किसान आंदोलन की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि वह जनता की समस्याओं का समाधान करने की बजाय सिर्फ अपने पूंजीपति मित्रों के हितों को महत्व देती है। गांधी ने कहा कि सरकार की नीतियों के खिलाफ अपने हितों के लिए समाज का जो भी वर्ग विरोध करता है सरकार उनकी चिंता को दूर करने की बजाय उन्हें देशद्रोही, नक्सली, कोरोना वाहक या खालिस्तानी कहकर उनकी आवाज दबाने का प्रयास करती है।
गांधी ने ट्वीट किया , मोदी सरकार के लिए -विरोध प्रदर्शन करने वाले छात्र राष्ट्रविरोधी हैं। अपनी समस्याओं को लेकर चिंतित नागरिक शहरी नक्सली हैं। प्रवासी मजदूर कोविड महामारी के वाहक हैं। दुष्कर्म पीड़ित कुछ भी नहीं हैं। विरोध करने वाले किसान खालिस्तानी हैं और पूंजीपति सबसे अच्छे दोस्त हैं।
सरकार का आर्थिक पैकेज भी जुमला साबित हुआ: राहुल
इससे पहले राहुल गांधी ने कहा था कि कोरोना संकट के दौरान सरकार ने जो 20 लाख करोड़ रुपए का आर्थिक पैकेज घोषित किया वह जमीन पर नहीं उतरा और घोषणा करने में माहिर सरकार का यह पैकेज भी जुमला साबित हुआ। गांधी ने ट्वीट किया, चुनावी जुमला- 15 लाख अकाउंट में, कोरोना जुमला- 20 लाख करोड़ का पैकेज। इसके साथ ही उन्होंने एक खबर पोस्ट की है जिसमें सूचना के अधिकार-आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी में सरकार ने बताया है कि इस साल मई में जो 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा कोरोनो से निपटने के लिए की गई थी उसका महज 10 फीसदी पैसा ही वितरित हुआ है। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस तरह से 15 लाख रुपए खाते में डालने के चुनावी जुमले की तरह मोदी सरकार का 20 लाख करोड़ रुपए का पैकेज भी कोरोना जुमला साबित हुआ है।