नक्शा विवादः नेपाल के दोगलेपन पर भारत का जवाब- अब बातचीत से पहले जीतो विश्वास

Edited By Tanuja,Updated: 30 May, 2020 10:35 AM

nepal pushes for talks india says need to create trust first

कालापानी सीमा के मुद्दे पर भारत को आंखें दिखा कर नेपाल खुद ही मुसीबत में फंस गया है। नेपाल ने यह हिमाकत चीन के बहकावे में आकर की...

इंटरनेशनल डेस्कः कालापानी सीमा के मुद्दे पर भारत को आंखें दिखा कर नेपाल खुद ही मुसीबत में फंस गया है। नेपाल ने यह हिमाकत चीन के बहकावे में आकर की और अब पछताता नजर आ रहा है। दरअसल नेपाल ने चीन के उकसाने पर भारत के साथ पंगा लिया और अपने नक्शे में बदलाव करते हुए भारत के कुछ हिस्सों को भी उसमें शामिल कर लिया। लेकिन नेपाल को तब मुंह की खानी पड़ी इस नए नक्शे को वह अपने ही देश की संसद में मंजूरी नहीं दिला सका और उसकी सारी हेकड़ी निकल गई।PunjabKesari

अपनी गलती का अहसास होते ही अब वह भारत से बातचीत करने को बेताब है लेकिन भारत ने स्पष्ट व दो टूक शब्दों में कहा है कि इस प्रकरण से दोनों देशों के बीच विश्वास का संकट पैदा हुआ है इसलिए बातचीत के लिए नेपाल को पहले भारत का विश्वास जीतना होगा। नेपाल कालापानी सीमा के मुद्दे पर विदेश सचिव स्तर की बातचीत पर जोर दे रहा है और साथ ही नए नक्शे को मंजूरी दिलाने के लिए संविधान में संशोधन की भी कोशिश कर रहा है। लेकिन भारत का कहना है कि बातचीत के लिए नेपाल को विश्वास और भरोसे का माहौल तैयार करना होगा।

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भारत ने इस मामले को गंभीरता से लिया और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, भारत अपने सभी पड़ोसियों के साथ भरोसे और विश्वास के माहौल में परस्पर सम्मान की भावना के साथ बात करने को तैयार है। यह एक सतत प्रकिया है और इसके लिए रचनात्मक और सकारात्मक प्रयासों की जरूरत है। भारत का कहना है कि नेपाल के साथ लगातार बातचीत जारी है। , विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला पहले ही दो बार नेपाल के राजदूत नीलांबर आचार्य से मिल चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक विदेश मंत्रालय में नेपाल के मामलों को देख रहे संयुक्त सचिव (नॉर्थ) पीयूष श्रीवास्तव भी कई बार आचार्य से मिल चुके हैं और लगातार उनके संपर्क में हैं। इससे पहले नेपाल के मीडिया में खबर आई थी कि वरिष्ठ भारतीय अधिकारी नेपाल के राजदूत को कोई भाव नहीं दे रहे हैं।

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बता दें नेपाल में के पी ओली सरकार नए नक्शे को मंजूरी दिलाने के लिए अब तक संसद में विधेयक पेश करने की कोशिश में है। नेपाल की मुख्य विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस ने इस पर और समय की मांग की है जबकि मधेशी समुदाय ने मांग की है कि प्रस्तावित संशोधन में उनकी मांगों का भी समाधान किया जाए। इससे पहले भारत ने जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद पिछले साल नवंबर में नया नक्शा जारी किया था। नेपाल तभी से कालापानी के बारे में बातचीत पर जोर दे रहा है। वह सीमा विवाद को सुलझाने के लिए विदेश सचिव स्तर की बातचीत को ऐक्टिवेट करना चाहता है।

 

नक्शे में बदलाव के मुद्दे पर नेपाली कांग्रेस की केंद्रीय कार्यकारी समिति की शनिवार को बैठक होगी। हालांकि पार्टी ने नए नक्शे के मुद्दे पर पहले सरकार का समर्थन किया था। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह नेपाल के साथ गहरे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और दोस्ताना संबंधों को बहुत अहमियत देता है। श्रीवास्तव ने कहा, कोविड-19 महामारी के इस चुनौतीपूर्ण दौर में भी भारत ने नेपाल को दवा सहित सभी तरह की जरूरी सामान की निर्बाध आपूर्ति जारी रखी है।

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