मौत का दूसरा नाम है 'निपाह वायरस', 2 दिनों के बीच कोमा में पहुंच जाता है मरीज

Edited By Anil dev,Updated: 06 Jun, 2019 04:16 PM

nipah virus deadly patient treatment

केरल में 23 वर्षीय कॉलेज छात्र के निपाह विषाणु की चपेट में आने के कुछ दिन बाद कर्नाटक सरकार ने पड़ोसी राज्य से लगने वाले जिलों समेत आठ जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है। निपाह वायरस एक ऐसा संक्रमित रोग है, जोकि एक जानवर से फलों और फलों से इंसान में...

नई दिल्लीः केरल में 23 वर्षीय कॉलेज छात्र के निपाह विषाणु की चपेट में आने के कुछ दिन बाद कर्नाटक सरकार ने पड़ोसी राज्य से लगने वाले जिलों समेत आठ जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है। निपाह वायरस एक ऐसा संक्रमित रोग है, जोकि एक जानवर से फलों और फलों से इंसान में फैल रहा है। मेडिकल टर्म में NiV कहे जाने वाले इस वायरस के कारण लोगों की मौत भी हो चुकी है। इंसानों में निपाह वायरस का इंफेक्शन एंसेफ्लाइटिस से जुड़ा है, जिसमें दिमाग को नुकसान होता है। 5 से 14 दिन तक इसकी चपेट में आने के बाद यह वायरस 3 से 14 दिन तक तेज बुखार और सिरदर्द की वजह बन सकता है। यदि समय पर उपचार न मिले तो 24-48 घंटों में मरीज कोमा में पहुंच सकते हैं। फिलहाल इस वायरस का इलाज खोजा नहीं जा सका है, इसलिए इसकी रोकथाम के लिए बचाव ही एकमात्र उपाय है।

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क्या है निपाह वायरस?
निपाह वायरस चमगादड़ से फलों में और फलों से इंसानों और जानवरों में फैलता है। यह वायरस सबसे पहले व्यक्ति के दिमाग पर असर डालता है। इसकी चपेट में आने वाले व्यक्ति के दिमाग में सूजन आ जाती है। इसके बाद यह छाती में संक्रमण पैदा करता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत आनी शुरू हो जाती है। इससे व्यक्ति बेसुद होना शुरू हो जाता है। यह खतरनाक वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलने का भी डर रहता है। खजूर के खेतों में काम करने वालों में भी निपाह वायरस फैलने का खतरा ज्यादा होता है। जिससे मौत भी हो सकती है।

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इस बीमारी के लक्षण

  • कभी-कभी किसी व्यक्ति को एसिम्प्टोमैटिक संक्रमण हो सकता है, जिसमें वे निपा के वाहक बनें और कोई लक्षण न दिखाएं।
  • वायरस होने पर 3-14 दिन में तेज बुखार और सिरदर्द
  • इंफेक्शन के शुरुआत में सांस लेने में समस्या
  • न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम होना
  • दिमाग में सूजन होना
  • मांसपेशियों में दर्द

 

निपाह वायरस से बचाव के तरीके:

  • 1. एडवाइजरी के मुताबिक जमीन पर पड़े हुए या पहले से खाए हुए फलों का सेवन ना करें। इस्तेमाल में ना लिए जा रहे कुओं के पानी का उपयोग न करें और ना ही उसके आस-पास जाएं। एडवाइजरी में केवल ताजे फल खाने की सलाह दी गई है।
  • 2. इस वायरस की वजह से जिनकी मौत हुई हो, उनके शव से भी दूर रहें। अंतिम संस्कार से पहले उनके शरीर को स्नान कराते समय सावधानी बरतें।
  • 3. अगर आपको 1-2 दिन तक तेज बुखार या सिरदर्द हो तो तुरंत डॉक्टर से चेकअप करवाएं।

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  • 4. फलों, खासकर केले और खजूर खाने से बचें। पेड़ से गिरे फलों को न खाएं। जब भी बाजार से कोई सब्जी या फल खरीदें, तो उसे अच्छी तरह गर्म पानी से धोकर खाएं।
     
  • 5. निपाह वायरस से पीड़ित लोगों से दूर रहें। यदि मिलना ही पड़े तो बाद में साबुन से अपने हाथों को अच्छे से धोएं।
     
  • 6. एडवाइजरी में कहा गया है कि चमगादड़, सुअर, कुत्ते और घोड़ों जैसे जानवरों में फैलने वाला निपाह वायरस उनके जरिये इंसानों में भी फैल सकता है। इसलिए ऐसे भोजन का सेवन बिल्कुल ना करें जो इन जानवरों के संपर्क में आया हो। खुले में टंगी मटकी वाली ताड़ी का सेवन करने से बचें।
     
  • 7. यह भी ध्‍यान रखें कि आप जो खाना खा रहे हैं वह किसी चमगादड़ या उसके मल से दूषित नहीं हुआ हो। चमगादड़ के कुतरे हुए फल न खाए। पाम के पेड़ के पास खुले कंटेनर में बनी टोडी शराब पीने से बचें।
     
  • 8. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार केरल सहित उसके पड़ोसी राज्यों से आने वाले फल जैसे केला, आम और खजूर खाने से परहेज करें। इसके अलावा जिन इलाकों में निपाह वायरस फैल गया है वहां न जाएं।
     
  • 9. आमतौर पर शौचालय में इस्तेमाल होने वाली चीजें, जैसे बाल्टी और मग को खास तौर पर साफ रखें।

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