विझिंजम में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती की जरूरत नहीं: एलडीएफ और कांग्रेस

Edited By rajesh kumar,Updated: 04 Dec, 2022 06:33 PM

no need for deployment of central forces in vizhinjam ldf and congress

केरल में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और विपक्षी कांग्रेस रविवार को इस बात पर सहमत हुए कि यहां विझिंजम में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती की कोई जरूरत नहीं है।

 

नेशनल डेस्क: केरल में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और विपक्षी कांग्रेस रविवार को इस बात पर सहमत हुए कि यहां विझिंजम में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती की कोई जरूरत नहीं है। तिरुवनंतपुरम में निर्माणाधीन विझिंजम बंदरगाह पर हाल ही में उग्र प्रदर्शन होने से कामकाज प्रभावित हुआ था। इस बंदरगाह का विकास अडाणी समूह कर रहा है। केरल के बंदरगाह मंत्री अहमद देवरकोविल का विचार था कि अडाणी समूह कार्य स्थल पर केंद्रीय बलों से सुरक्षा की मांग कर सकता है, लेकिन इसके बाहर के क्षेत्र में पुलिस कानून और व्यवस्था बनाए रखने में सक्षम है।

अडाणी समूह ही इस बंदरगाह का निर्माण कर रहा है। अहमद देवरकोविल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हमें कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय बलों की मदद की जरूरत नहीं है। केरल पुलिस इससे निपटने में सक्षम है। यह अडाणी समूह है जिसने केंद्रीय बलों से सहायता मांगी है न कि हमने। हम उन्हें सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं। '' राज्य सरकार ने शुक्रवार को केरल उच्च न्यायालय को बताया था कि उसे तिरुवनंतपुरम में निर्माणाधीन विझिंजम बंदरगाह पर केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती पर कोई आपत्ति नहीं है।

हाल ही में वहां हिंसक विरोध प्रदर्शनों से बंदरगाह का निर्माण कार्य प्रभावित हुआ था। उच्च न्यायालय ने अडाणी समूह की याचिका पर राज्य और केंद्र सरकारों से वहां केंद्रीय बलों को तैनात करने की संभावना पर चर्चा करने को कहा है। कांग्रेस सांसद और केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष के मुरलीधरन भी केंद्रीय बलों की तैनाती के विरोध में थे। उन्होंने कहा, ‘‘ केंद्रीय बलों को लाकर डरा-धमका कर विरोध प्रदर्शन को नहीं रोका जा सकता है। राज्य सरकार आपत्ति करेगी तो केंद्रीय बल नहीं आएंगे। ''

कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री के करुणाकरण के बेटे मुरलीधरन ने कहा, ‘‘हालांकि, अगर राज्य सरकार अडाणी की मदद की आड़ में यहां केंद्रीय बल चाहती है, तो उनके द्वारा की गई किसी भी कार्रवाई के लिए केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन जिम्मेदार होंगे। '' उन्होंने कहा कि बातचीत ही इस मुद्दे को हल करने का एकमात्र तरीका है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ हमने परियोजना शुरू की और इसलिए, हम चाहते हैं कि इसे लागू किया जाए, लेकिन मछुआरों के आंसुओं की कीमत पर नहीं। उनकी चिंताओं का समाधान करना होगा।'' 

 

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