वनडे विश्वकप: क्या अहमदाबाद बनेगा सट्टेबाजी का केंद्र, BCCI रख पाएगा PCA अधिकारियों पर निगरानी!

Edited By Seema Sharma,Updated: 30 Jun, 2023 01:08 PM

odi world cup  will ahmedabad become a betting center

अन्य खेलों की तुलना में भारत में क्रिकेट को एक विशेष स्थान हासिल है। इस विशेष स्थान में 5 अक्तूबर से 19 नवम्बर तक क्रिकेट का विश्वकप भारत के 10 शहरों में होगा। विश्व कप का कार्यक्रम घोषित होने के बाद क्रिकेट से जुड़े हर व्यक्ति में उत्साह और उमंग का...

जालंधर: अन्य खेलों की तुलना में भारत में क्रिकेट को एक विशेष स्थान हासिल है। इस विशेष स्थान में 5 अक्तूबर से 19 नवम्बर तक क्रिकेट का विश्वकप भारत के 10 शहरों में होगा। विश्व कप का कार्यक्रम घोषित होने के बाद क्रिकेट से जुड़े हर व्यक्ति में उत्साह और उमंग का संचार हुआ है। इस उमंग और तरंग में देश की जनता, खेल पत्रकार, क्रिकेट कमैंटेटरों के साथ-साथ वे सट्टेबाज भी हिस्सा बनने जा रहे हैं जो क्रिकेट के साथ जुड़ कर भी क्रिकेट की जड़ो को काट रहे हैं।

 

विश्व कप के कार्यक्रम की घोषणा होते ही हर कोई अपने मनसूबों को पूरा करने के लिए सरगर्म हो चुका है। सबसे ज्यादा सरगर्मी उन लोगों को दिखाई देने लगी है जो ऊपर से तो क्रिकेट संरक्षक बने हुए हैं और अंदर ही अंदर सट्टेबाजों के माफिया का हिस्सा बनकर करोड़ों का हेर-फेर इधर-उधर कर रहे हैं। अगर यह कहें कि अहमदाबाद सट्टेबाजों की प्रमुख केंद्र बनने जा रहा है तो कोई दोराय नहीं होगी। इस बात का प्रमाण इस बात से मिल जाता है कि आज की तारीख में फाइव स्टार होटल का जो रूम 6 से 10 हजार में मिल जाता था, वह 50-50 हजार में उपलब्ध हो रहा है। दिलचस्प बात तो यह है कि 80 से 90 प्रतिशत रूम आज की तारीख में बुक हो चुके हैं। एक दिलचस्प बात और है जिसका उल्लेख करना बहुत जरूरी है। विश्व कप के लिए जिन 10 स्थानों या शहरों का चुनाव किया गया है उसमें पंजाब का नाम नदारत है। चुने गए 10 शहरों में हैदराबाद, अहमदाबाद, धर्मशाला, दिल्ली, चेन्नई, लखनऊ, पुणे, बेंगलुरु, मुम्बई और कोलकाता शामिल है।

 

बी.सी.सी.आई. द्वारा पी.सी.ए. के मोहली स्टेडियम को इस सूची से बाहर रखना या वहां पर विश्व कप के किसी भी मैच का आयोजन न करवाना, एक प्रकार से पी.सी.ए. पर कई प्रकार के प्रश्रचिन्ह खड़े करता है। क्या बी.सी.सी.आई. ने पी.सी.ए. को इसलिए विश्वकप के मैचों के आयोजन से दूर रखा है क्योंकि इनके कुछ अधिकारियों पर यह आरोप लगते आए हैं कि यह सट्टेबाजों में स्वयं संलिप्त रहते हैं। खिलाड़ी से नेता बना और उसके एक सहयोगी, के बारे में सारा क्रिकेट जगत जानता है कि लम्बे अर्से से यह सट्टेबाजी के सहारे अपनी क्रिकेट की गतिविधियां को सट्टे के सहारे अंजाम तक पहुंचाते हैं।

 

बी.सी.सी.आई. को इन दोनों पी.सी.ए. अधिकारियों को अपनी पूरी निगरानी में रखना चाहिए कि कहीं यह अहमदाबाद में आकर सट्टेबाजी के लिए खिलाड़ियों से मुलाकाते न करें। 15 अक्तूबर को अहमदाबाद में होने वाली भारत और पाकिस्तान के मैच पर सट्टा माफिया की पैनी नजर रहेगी। यह मैच सट्टेबाजों के लिए एक ऐसे उत्सव के समान है जहां केवल धन वर्षा ही होगी, वह भी अन-लिमिटेड। इस संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि अपनी सुविधा के अनुसार सट्टेबाज माफिया इस मैच को फिक्स ही करवा दे। इस सारी प्रक्रिया में वह इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि पी.सी.ए. में मौजूद सट्टा माफिया अब मोहाली की बजाय अहमदाबाद को सट्टेबाजी का केंद्र बना दें। बी.सी.सी.आई. इन पर निगरानी रख पाएगी या नहीं यह उनके सोचने का विषय है।

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