Edited By Hitesh,Updated: 16 Jun, 2021 08:42 PM
इन दिनों भारत में कोविड-19 वैक्सीन की कमी हो गई है। इसी लिए विशेषज्ञों ने टीके की कमी के बावजूद वैक्सीनेशन प्रोग्राम को चलाए रखने का नया तरीका ढूंढ निकाला है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे समय में वैक्सीन की कम मात्रा को लगाया जा सकता है। इसे...
नेशनल डेस्क: इन दिनों भारत में कोविड-19 वैक्सीन की कमी हो गई है। इसी लिए विशेषज्ञों ने टीके की कमी के बावजूद वैक्सीनेशन प्रोग्राम को चलाए रखने का नया तरीका ढूंढ निकाला है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे समय में वैक्सीन कम मात्रा में लगाई जा सकती है। इसे इंट्राडर्मल (आईडी) तरीका बताया गया है जिसमें करंट डोज़ 0.5ml का पांचवा हिस्सा यानी कि 0.1ml डोज़ कंधे में लगाई जाती है। आसान भाषा में समझें तो 0.5ml में पांच लोगों को वैक्सीन लगाई जा सकती है।
टेक्निकल एडवाइजरी कमेटी के चेयरमैन डॉ एमके सुदर्शन का कहना है कि यह तकनीक रेबिस वैक्सीनेशन में उपयोग किया जाता है। ऐसा करने से भी एक इम्यून रिस्पांस जनरेट हो जाता है जोकि कोरोना से बचाव में फायदेमंद है। डॉ एमके सुदर्शन ने कहा है कि 10 लोगों पर अभी एक ट्रायल किया जाएगा जिसमें कोवैक्सीन और कोविशील्ड का इस्तेमाल होगा। इसके 4 महीने बाद वैक्सीन लगवाने वाले व्यक्ति की एंटी बॉडिज़ चैक की जाएंगी। यह स्टडी एक बार नहीं होगी बल्कि हर तीन महीने के बाद जारी रहेगी।