पढि़ए, ओसामा बिन लादेन की मौत की रात का वो काला सच!

Edited By ,Updated: 08 Feb, 2016 04:21 PM

osama bin laden edward snowden navy seal commandos

अल-कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन एक बार फिर सुर्खियों में है। दरअसल, सीआईए के पूर्व अफसर एडवर्ड स्नोडेन ने ओसामा के जिंदा होने का दावा किया है।

नई दिल्ली: अल-कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन एक बार फिर सुर्खियों में है। दरअसल, सीआईए के पूर्व अफसर एडवर्ड स्नोडेन ने ओसामा के जिंदा होने का दावा किया है। जबकि अल-कायदा सरगना ओसामा 2 मई 2011 को पाकिस्तान के एबटाबाद में मारा गया था। ऑपरेशन में शामिल एक नेवी सील कमांडो की किताब 'नो इज़ी डे- द ऑटोबायोग्राफी ऑफ ए नेवी सील' में इस पूरे ऑपरेशन का विस्तार से जिक्र किया गया है। लादेन को मारने के लिए ऑपरेशन किस हद तक प्लान किया गया था, इन सारी बातों का बड़े विस्तार से जिक्र किया गया है।


मार्क ओवेन के छद्म नाम से किताब लिखने वाले 36 वर्षीय मैट बिसोनेट ने बताया कि ओसामा के मारे जाने के बाद उसे पहचानना मुश्किल हो रहा था। साथी कमांडो टॉम ने मुझसे कहा था कि जिसकी हमें तलाश थी वह हमें मिल चुका है। लेकिन दस साल पहले के ओसामा और मारे गए ओसामा में कुछ अंतर था। मारा गया लादेन बहुत जवान दिख रहा था, लेकिन वहां मौजूद एक चीज ने इस राज से पर्दा हटा दिया। दरअसल, लादेन बाल काले रखने के लिए कलर करता था। इसी वजह से उसकी उम्र में करीब 10 साल का अंतर दिखाई दे रहा था। कमांडो ने 1-2 मई 2011 की रात की सिलसिलेवार कहानी बताई है।


मैट बिसोनेट ने ओसामा मिशन का जिक्र करते हुए लिखा है कि वो एक मई 2011 की सबसे काली रात थी। अफगानिस्तान के जलालाबाद से नेवी सील कमांडोज को लादेन के ठिकाने पाकिस्तान के एबटाबाद में लाया गया था। हमारे लिए न वक्त अच्छा था और न माहौल। घर में घुसते ही हमारा एक हेलिकॉप्टर क्रैश कर गया, जिसमें मैं भी था, वहीं दूसरा हेलिकॉप्टर बिल्डिंग की छत पर उतारा गया था। हमारे पास ऑपरेशन खत्म करने के लिए केवल 30 मिनट का समय था, क्योंकि हेलिकॉप्टर में भी उतने ही समय का फ्यूल बाकी था।


मैं और साथी कमांडो जानते थे कि उस घर में लादेन अपने दो बेटों खालिद और अहमद अल कुवैती और भाई अबरार अल कुवैती के साथ रह रहा है। घर के आंगन में बाहर की ओर गेस्ट हाउस था, जहां अहमद अपने परिवार के साथ रहता था। गेस्ट हाउस का रास्ता अंधेरे में था और अंदर जाने के रास्ते में मोटे लोहे के दो दरवाजे पड़ते थे। मैंने दरवाजे में बम लगाकर विस्फोट किया। विस्फोट होते ही सामने से ऐके-47 से फायरिंग होने लगी। हमने भी जवाब में फायर किया और अल कुवैती मारा गया। हमने अल-कुवैती पर कई फायर किए, जिससे बाद में कोई दिक्कत न हो।


गेस्ट हाउस क्लियर होने के बाद हमने अपने टारगेट लादेन की ओर कदम बढ़ाए। उसकी फैमिली दूसरी और तीसरी मंजिल पर रहती थी। इस बीच अबरार अल कुवैती और उसकी पत्नी भी मारी गई। दूसरी मंजिल पर मौजूद लादेन का बेटा खालिद भी मारा गया। अब हम घर की तीसरी मंजिल पर थे और धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे थे। यहां तक कि छोटी से छोटी आहट हमें सुनाई दे रही थी। 


प्वाइंटमैन (इसके नाम का जिक्र नहीं है) ने दूर हॉल में जरा से खुले दरवाजे के पास आदमी की झलक देखी और निशाना एकदम ठीक लगाया। उस समय वहां औरतों के रोने और चीखने की आवाजें आने लगी थीं। महिलाओं को एक कोने में खड़ा कर जांच की गई। महिलाएं आत्मघाती बम अपनी कमर में बांधी हुई थीं।


किताब के मुताबिक, जमीन पर पड़ी हुई बॉडी पर मैंने और मेरे साथी ने फायरिंग की, ताकि उसके जिंदा रहने का शक तक न रह जाए। इसके बाद हमने डेड बॉडी का टेस्ट किया। टॉम (बदला हुआ नाम) ने कहा, 'हां यही है वो, जिसकी हमें तलाश थी, लेकिन वो भी पूरी तसल्ली कर लेना चाहता था।


कंबल से उसका चेहरा साफ किया, फोटो से शव का मिलान किया गया, वो आदमी जवान दिख रहा था, दाढ़ी के बाल एकदम काले थे। हमें थोड़ा शक हुआ, लेकिन बाल डाई किए गए थे। तभी बालकनी के पास खड़ी लड़की से मैंने पूछा, 'ये आदमी कौन था, लड़की ने कहा- 'ओसामा बिन लादेन'। कुछ देर बाद ये खबर अमेरिका तक पहुंच गई कि ओसामा मारा गया।

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