Edited By Yaspal,Updated: 05 Oct, 2019 12:15 AM
अपने और 48 अन्य हस्तियों के खिलाफ कथित राजद्रोह का मामला दर्ज होने के बाद प्रसिद्ध फिल्मकार श्याम बेनेगल ने शुक्रवार को कहा कि इस ‘मामले'' का कोई मतलब नहीं बनता है क्योंकि भीड़ की हिंसा की बढ़ती घटनाओं पर चिंता प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री
मुम्बईः अपने और 48 अन्य हस्तियों के खिलाफ कथित राजद्रोह का मामला दर्ज होने के बाद प्रसिद्ध फिल्मकार श्याम बेनेगल ने शुक्रवार को कहा कि इस ‘मामले' का कोई मतलब नहीं बनता है क्योंकि भीड़ की हिंसा की बढ़ती घटनाओं पर चिंता प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा गया खुला पत्र महज अपील था न कि कोई धमकी। मुजफ्फरपुर में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। उनमें अनुराग कश्यप, अपर्णा सेन, मणिरत्नम, अडूर गोपालकृष्णन, सौमित्र चटर्जी, शुभा मुद्गल और इतिहासकार रामचंद्र गुहा भी शामिल हैं।
बेनेगल से कहा, ‘‘ यह पत्र महज एक अपील था। लोगों का इरादा जो भी हो, जो प्राथमिकी स्वीकार कर रहे हैं और हम पर इन सभी तरह के आरोप लगा रहे हैं, इन बातों का कोई मतलब नहीं बनता है। यह प्रधानमंत्री से अपील करने वाला पत्र था। यह कोई धमकी या अन्य बात नहीं थी जो शांति बिगाड़ती या समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा करती है।''
पत्र में कहा गया था कि मुसलमानों, दलितों और अन्य अल्पसंख्यकों को भीड़ द्वारा पीट पीटकर हत्या करना तत्काल रूकना चाहिए। बिना असंतोष के लोकतंत्र नहीं होता है। जयश्रीराम भड़काऊ नारा हो गया है। वैसे अपर्णा सेन ने प्राथमिकी पर कुछ कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मामला अदालत के विचाराधीन है। फिल्मकार गोपालकृष्णन ने कहा कि उनके और अन्य हस्तियों पर राजद्रोह का मामला दर्ज किये जाने पर उन्हें बिल्कुल विश्वास नहीं होता।