Budget Session LIVE: क‍ृषि मंत्री का विपक्ष से सवाल- बताओ क‍ृषि कानून में क्या है काला?

Edited By vasudha,Updated: 05 Feb, 2021 01:29 PM

राज्यसभा की कार्यवाही आज 9 बजे शुरू हो गई है। सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा जारी है। किसान आंदोलन को लेकर  सत्ता और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिल रही है। वहीं इससे पहले बीजेपी ने अपने राज्यसभा सांसदों को सरकार के...

नेशनल डेस्क: राज्यसभा की कार्यवाही जारी है। सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा के दौरान केंद्रीय क‍ृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान मुद्दे पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि किसान हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत हैं। इसके साथ ही तोमर ने कहा कि मैं प्रतिपक्ष का धन्यवाद करना चाहूंगा कि उन्होंने किसान आंदोलन पर चिंता की और आंदोलन के लिए सरकार को जो कोसना आवश्यक था उसमें भी कंजूसी नहीं की और कानूनों को जोर देकर काले कानून कहा। मैं किसान यूनियन से 2 महीने तक पूछता रहा कि कानून में काला क्या है। सदन में किसान आंदोलन को लेकर  सत्ता और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिल रही है।राज्यसभा से जुड़ी हर जानकारी के लिए जानने के लिए बने रहिए हमारे साथ। 

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ताेमर के भाषण की मुख्यें बातें इस प्रकार:-

  •  
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार गांव, गरीब और किसान के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और आने वाले कल में भी रहेगी।
  • किसान की आमदनी दोगुनी हो इसके लिए सरकार ने प्रधानमंत्री किसान योजना के माध्यम से 6,000 रुपये का योगदान दिया।
  • आज हम ये कह सकते हैं कि दस करोड़ 75 लाख किसानों को 1,15,000 करोड़ रुपये डीबीटी से उनके अकाउंट में भेजने का काम किया है।
  • कुछ लोग मनरेगा को गड्ढों वाली योजना कहते थे। जब तक आपकी सरकार थी उसमें गड्ढे खोदने का ही काम होता था। लेकिन मुझे ये कहते हुए प्रसन्नता और गर्व है कि इस योजना की शुरुआत आपने की लेकिन इसे परिमार्जित हमने किया। 
  • मोदी जी ने सेंट्रल हॉल में अपने पहले भाषण में और 15 अगस्त में भी कहा था कि मेरे पूर्व जितनी भी सरकारे थी उन सबका योगदान देश के विकास में अपने-अपने समय पर रहा है।

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संजय राउत ने उठाए सवाल 
शिवसेना सांसद संजय राउत ने संजय सिंह, राजदीप सरदेसाई, शशि थरूर के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किए जाने का मामला उठाया। संजय राउत ने कहा कि सरकार किसान आंदोलन की एकजुटता तोड़ने में क्यों लगी है। जब किसान मुगलों से लड़ा, अंग्रेजों से लड़ा और कोरोना काल में लंगर में बांट रहा था तो देशप्रेमी था। अब जब अपने हक की लड़ाई लड़ रहा है तो खालिस्तानी हो गया। किसानों का ये आंदोलन जब तक जिंदा है, तब तक ये देश जिंदा है, सारा देश उनके साथ है। 

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 विपक्षी दलों ने कृषि कानूनों को लेकर किया हंगामा 
कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि महात्मा गांधी को Quote किया, ‘जो कानून तुम्हारे अधिकारों की रक्षा ना कर सके, उसकी अवहेलना करना तुम्हारा परम कर्तव्य होता है। वहीं वीरवार को भी राज्यसभा में कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर बल देते हुए इस समस्या का ‘‘स्वीकार्य हल'' निकालने का सुझाव दिया और सरकार पर कटाक्ष किया कि ‘‘आत्ममुग्ध सरकारें, आत्मनिर्भर भारत का निर्माण नहीं कर सकतीं।'' हालांकि इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कहा कि इन तीनों कानूनों के माध्यम से देश के किसानों को आजादी मिल सकेगी। उच्च सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर हो रही चर्चा में भाग लेते हुए विपक्षी दलों के सदस्यों ने सरकार से सवाल किया कि किसानों को आंदोलन करने की नौबत क्यों आयी? साथ ही उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि वह किसानों के दर्द को समझे और उन्हें दूर करने की कोशिश करे। 

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राष्ट्र की रीढ़ हैं किसान:  देवेगौड़ा
पूर्व प्रधानमंत्री एवं जद (एस) नेता एच डी देवेगौड़ा ने किसानों को राष्ट्र की रीढ़ बताते हुए कहा कि उनकी समस्याओं को सुना जाना चाहिए और एक स्वीकार्य समाधान निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर राजधानी दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान जो कुछ हुआ उसमें असामाजिक तत्वों की भूमिका थी जिसकी पूरे देश ने और सभी राजनीतिक दलों ने निंदा की। उन्होंने दोषियों को सजा देने की मांग की और कहा ‘‘लेकिन किसानों के मुद्दे को इस घटनाक्रम से पूरी तरह अलग रखा जाना चाहिए।

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