सरकारी अस्पतालों में मरीजों को ना दवाईयां मिल रहीं, ना इलाज

Edited By Archna Sethi,Updated: 04 Aug, 2022 09:12 PM

patients neither getting medicines nor treatment

बीजेपी-जेजेपी सरकार प्रदेश के शिक्षा और स्वास्थ्य तंत्र को पूरी तरह बर्बाद करना चाहती है। इसीलिए ना स्कूलों में टीचर्स उपलब्ध करवाए जा रहे हैं और ना ही अस्पतालों में डॉक्टर व अन्य स्टाफ। यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह...

4 अगस्त, चंडीगढ़ः (अर्चना सेठी )बीजेपी-जेजेपी सरकार प्रदेश के शिक्षा और स्वास्थ्य तंत्र को पूरी तरह बर्बाद करना चाहती है। इसीलिए ना स्कूलों में टीचर्स उपलब्ध करवाए जा रहे हैं और ना ही अस्पतालों में डॉक्टर व अन्य स्टाफ। यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा फतेहाबाद के जाखल मंडी स्थित मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल में चल रही विद्यार्थियों की भूख हड़ताल पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। यहां पर शिक्षकों की मांग को लेकर छात्र-छात्राएं कई दिन से भूख हड़ताल पर बैठे हैं। स्कूल में 33 में से आधे 16 टीचर्स के पद खाली पड़े हुए हैं। लेकिन सरकार इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही।

 

हुड्डा ने कहा कि इससे पहले टीचर्स की मांग को लेकर ही मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र वाले करनाल में छोटे-छोटे बच्चों को भीषण गर्मी में पैदल मार्च करना पड़ा था। प्रदेश के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है कि छोटे-छोटे बच्चों को पैदल मार्च और भूख हड़ताल करनी पड़ रही है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि प्रदेश के स्कूलों में अध्यापकों के लगभग 50 हजार पद खाली पड़े हुए हैं। पिछले 8 साल में सरकार ने जेबीटी की एक भी भर्ती नहीं निकाली। टीचर्स नहीं होने की वजह से से सरकारी स्कूलों से अभिभावक किनारा कर रहे हैं। सरकारी स्कूलों में लगातार विद्यार्थियों की संख्या घटती जा रही है। पिछले साल पहली कक्षा के लिए 2,29,315 बच्चों ने रेजिस्ट्रेशन करवाया था, जो इसबार घटकर 1,23,624 रह गया है। विद्यार्थियों की संख्या में इतनी गिरावट सरकार की नाकामी का जीता जागता सबूत है। 

 

हुड्डा ने बताया कि शिक्षा तंत्र प्रदेश का वर्तमान और भविष्य तय करता है। इस बात को समझते हुए हरियाणा में कांग्रेस सरकार के दौरान उन्होंने 27 नए विश्वविद्यालय जिनमें 12 सरकारी विश्वविद्यालय शामिल थे, स्थापित किए। इसी तरह प्रदेश में आईआईटी और आईआईएम जैसे राष्ट्रीय स्तर के संस्थान लेकर आए। हरियाणा में मॉडल स्कूल, किसान मॉडल स्कूल और आरोही मॉडल स्कूलों की शुरुआत की। इसके अलावा सैकड़ों नई स्कूल, आईटीआई, एंजीनियरिंग कॉलेज, बीएड, जेबीटी कॉलेज निर्माण, पुराने स्कूलों को अपग्रेड करने का काम भी उन्हीं की सरकार के दौरान हुआ था। लेकिन मौजूदा सरकार ‘चिराग योजना’ जैसी नीतियां लागू करके पूरे शिक्षा तंत्र को ध्वस्त कर निजी हाथों में सौंपना चाहती है।भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि शिक्षा के साथ स्वास्थ्य तंत्र की खस्ता हालत के लिए भी सरकार की नीतियां जिम्मेदार हैं। आज स्वास्थ्य महकमे में 10,000 पद खाली पड़े हुए हैं। खुद मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र करनाल के सामान्य अस्पताल में डॉक्टर और बाकी स्टाफ का टोटा है। अस्पताल में पिछले 6 महीने से महिला रोग विशेषज्ञ का पद खाली पड़ा हैं। इतना ही नहीं मरीजों को सरकारी अस्पतालों में दवाईयां तक नहीं मिल रही। ऐसे में लोग इलाज और दवाइयों के लिए निजी अस्पतालों में जाने को मजबूर हैं। 

 

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि प्रदेश के स्वास्थ्य तंत्र को बेहतर बनाने के लिए कांग्रेस कार्यकाल के दौरान उन्होंने 4 नए मेडिकल कॉलेज बनवाने का काम किया था। एम्स और कैंसर इंस्टीट्यूट जैसे राष्ट्रीय स्तर के संस्थान भी उन्हीं के कार्यकाल के दौरान प्रदेश में आए। कांग्रेस सरकार के दौरान प्रदेशभर में दर्जनों नए अस्पतालों का निर्माण और पुराने अस्पतालों को अपग्रेड करने का काम किया गया था। लेकिन पिछले 8 साल में बीजेपी और बीजेपी-जेजेपी सरकार के दौरान ना प्रदेश में कोई बड़ा मेडिकल संस्थान आया और ना कोई नया मेडिकल कॉलेज बना। यहां तक कि सरकार पहले से स्थापित अस्पतालों में जरूरत के मुताबिक मशीनें और स्टाफ तक मुहैया नहीं करवा रही है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विधासनभा के मानसून सत्र में कांग्रेस शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति सरकार के उदासीन रवैए के मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाएगी। आधारभूत जन सुविधाओं के प्रति सरकार की अनदेखी के लिए उससे जवाब मांगा जाएगा।

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