Edited By Parminder Kaur,Updated: 15 Feb, 2024 04:25 PM
पिछले कुछ महीनों में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद कनाडा सहित कुछ देशों के साथ और लक्षद्वीप बनाम मालदीव विवाद के बाद मालदीव के साथ भारत के राजनयिक संबंध तनावपूर्ण रहे हैं। इन तनावपूर्ण रिश्तों के बीच भारत के संयुक्त राज्य...
इंटरनेशनल डेस्क. पिछले कुछ महीनों में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद कनाडा सहित कुछ देशों के साथ और लक्षद्वीप बनाम मालदीव विवाद के बाद मालदीव के साथ भारत के राजनयिक संबंध तनावपूर्ण रहे हैं। इन तनावपूर्ण रिश्तों के बीच भारत के संयुक्त राज्य अमेरिका सहित अन्य देशों के साथ भी मजबूत रिश्ते हैं। जैसे ही अमेरिका इस साल राष्ट्रपति चुनावों की तैयारी कर रहा है। पेंटागन की उप सचिव सबरीना सिंह ने भारत के साथ अपने देश के सैन्य संबंधों के बारे में बात की है।
सबरीना सिंह ने कहा- 'भारत के साथ हमारे सैन्य संबंध और संचार बहुत अच्छे हैं। हम इस बात पर नजर रखना जारी रखेंगे कि क्षेत्र में क्या हो रहा है। लेकिन मेरे पास फिलहाल इसे लेकर ज्यादा अपडेट नहीं है। मेरे पास फिलहाल भारत सरकार की तरफ से कोई जानकारी नहीं है। मैं इंटरजेंसी के अन्य अधिकारियों के बारे में बात नहीं कर सकती।'
जनरल मनोज पांडे अमेरिका दौरे पर
भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संबंधों के बारे में सबरीना सिंह की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे 13 फरवरी से अमेरिका के चार दिवसीय आधिकारिक दौरे पर निकले हैं।
विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि जनरल मनोज पांडे अपनी यात्रा के दौरान सीओएएस जनरल रैंडी जॉर्ज, यूनाइटेड स्टेट्स चीफ ऑफ स्टाफ ऑफ आर्मी (सीएसए) और अन्य वरिष्ठ सैन्य नेताओं के साथ उच्च स्तरीय चर्चा और बातचीत में शामिल होंगे। विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि जनरल मनोज पांडे अपनी यात्रा के दौरान सीओएएस जनरल रैंडी जॉर्ज, यूनाइटेड स्टेट्स चीफ ऑफ स्टाफ ऑफ आर्मी (सीएसए) और अन्य वरिष्ठ सैन्य नेताओं के साथ उच्च स्तरीय चर्चा और बातचीत में शामिल होंगे।
बता दें हाल ही में अमेरिकी एनएसए जनरल रैंडी जॉर्ज ने इंडो-पैसिफिक आर्मी चीफ्स कॉन्फ्रेंस (आईपीएसीसी) के लिए भारत का दौरा किया। इसे भारतीय सेना और अमेरिकी सेना द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन में 18 सेनाओं के प्रमुखों और 12 देशों के प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों ने भाग लिया।