Edited By Pardeep,Updated: 29 Sep, 2021 02:52 AM
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को रक्षा निर्माण में स्वदेशीकरण पर जोर देते हुए कहा कि भारत के ‘डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग हब'' के रूप में उभरने की गुंजाइश है। सिंह ने सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (एसआईडीएम) की वार्षिक आम बैठक को संबोधित...
नई दिल्लीः रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को रक्षा निर्माण में स्वदेशीकरण पर जोर देते हुए कहा कि भारत के ‘डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग हब' के रूप में उभरने की गुंजाइश है। सिंह ने सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (एसआईडीएम) की वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने तेजी से विकसित हो रहे वैश्विक सुरक्षा परिद्दश्य में सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण को सुनिश्चित करने के लिए ध्यान केंद्रित किया है। वहीं दुनिया भर के देश अब अपनी सेनाओं के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और सुरक्षा चिंताओं, सीमा विवादों और समुद्री प्रभुत्व के कारण सैन्य उपकरणों की मांग तेजी से बढ़ रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘ भारत प्रभावी लागत और गुणवत्ता द्दष्टिकोण के जरिए इन जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है। भारत से हमारा तात्पर्य सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र, शिक्षा, अनुसंधान एवं विकास से है। हम उन सभी की एकजुटता में विश्वास करते हैं।'' उन्होंने जोर दिया कि भारतीय रक्षा उद्योग उन निर्माताओं का घर है जो अत्याधुनिक, उच्च गुणवत्ता और प्रभावी लागत का सही इस्तेमाल कर सकते हैं।
स्वदेशीकरण के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने रक्षा निर्माण में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा किए गए कई सुधारों को सूचीबद्ध किया। उन्होंने कहा कि सरकार निजी क्षेत्र को विकास का उपयुक्त माहौल मुहैया करा रही है तथा पिछले सात वर्षों में रक्षा निर्यात 38,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया है और 10,000 से अधिक लघु और मध्यम उद्यम (एसएमई) रक्षा क्षेत्र में शामिल हो गए हैं।