Edited By Anil dev,Updated: 22 Feb, 2019 11:29 AM
कांग्रेस के मिशन 2019 पर पुलवामा आतंकी हमले का ग्रहण लगता दिख रहा है। यह हमला ऐसे वक्त में हुआ है, जब देश चुनावी मोड में है। हमले के बाद देशभर में राष्ट्रवाद और देशभक्ति की लहर उठ खड़ी हुई है। ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ उठाया...
नई दिल्ली: कांग्रेस के मिशन 2019 पर पुलवामा आतंकी हमले का ग्रहण लगता दिख रहा है। यह हमला ऐसे वक्त में हुआ है, जब देश चुनावी मोड में है। हमले के बाद देशभर में राष्ट्रवाद और देशभक्ति की लहर उठ खड़ी हुई है। ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ उठाया जाने वाला हर कदम राष्ट्रवाद का नारा बुलंद कर रही भाजपा के पक्ष में स्वाभाविक रूप से एक माहौल बनाने का काम कर रहा है, जो कांग्रेस की चिंता का सबब बन गया है।
पुलवामा आतंकी हमले के बाद पूरे विपक्ष ने सरकार की हर कार्रवाई में साथ खड़े होने का भरोसा दिया, लेकिन जिस तरह से देशभक्ति की लहर भाजपा के पक्ष में जाती दिख रही है, उससे सभी चिंतित नजर आ रहे हैं। पुलवामा हमले से पहले तक देश में मोदी सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर थी। ज्यादातर सर्वे और रिपोर्ट इसकी तस्दीक कर रहे थे, लेकिन अब देश में बने राष्ट्रवाद की लहर से सत्ता विरोधी लहर की धार कुंद होती दिख रही है। विधानसभा चुनाव में भाजपा को नाकों चने चबा चुकी कांग्रेस को बदले माहौल में अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ रहा है।
कांग्रेस ने तरफ जहां राष्ट्रवाद और शहादत को लेकर सेंटर ऑफ अट्रैक्शन बनी भाजपा से लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए शीर्ष नेताओं को शहीदों के घर जाकर उनके परिजनों के साथ कुछ वक्त बिताने और संवेदनाएं जताने का कार्यक्रम दिया है वहीं पुलवामा घटना के पीछे हुई चूक को उजागर कर केंद्र सरकार पर हमला शुरू कर दिया है। दो दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी समेत अन्य कांग्रेस नेताओं का शामली के शहीदों के घर जाना पार्टी की इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। कांग्रेस के दूसरे महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर का भी उन्नाव, मथुरा, कानपुर देहात के शहीदों के घर जाने का कार्यक्रम जारी हुआ है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया कि जब पुलवामा हमले के बाद देश सदमे में था किंतु मोदी कार्बेट पार्क में डिस्कवरी के लिए फिल्म की शूटिंग करा रहे थे।