Edited By Seema Sharma,Updated: 20 Sep, 2018 12:08 PM
दक्षिण-पश्चिमी रेलवे को एक महिला यात्री के सामान की निगरानी और सुरक्षा नहीं करने के चलते 4.45 लाख रुपए का भुगतान करना पड़ेगा। कंज्यूमर कोर्ट ने रेलवे को 6 हफ्ते में महिला को यह रकम भुगतान करने का आदेश दिया है।
बेंगलुरुः दक्षिण-पश्चिमी रेलवे को एक महिला यात्री के सामान की निगरानी और सुरक्षा नहीं करने के चलते 4.45 लाख रुपए का भुगतान करना पड़ेगा। कंज्यूमर कोर्ट ने रेलवे को 6 हफ्ते में महिला को यह रकम भुगतान करने का आदेश दिया है। दरअसल, महिला ने कंज्यूमर कोर्ट में दक्षिण-पश्चिमी रेलवे के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था कि रेलवे उसके सामान की सुरक्षा करने में असमर्थ रहा, जिसके चलते उसका गहनों से भरा हैंडबैग चोरी हो गया। उसके हैंडबैंग में 90 हजार रुपए कीमत के 488 ग्राम सोने के गहने और कैश था। मामला 21 फरवरी, 2014 का है, जब महिला अपने परिवार के साथ बेंगलुरु से राजस्थान जा रही थी।
मैसूर की रहने वाली रामिला देवी (50) ने अपनी शिकायत में बताया कि वह अपने पति, बेटी और सास के साथ राजस्थान में एक शादी में शामिल होने जा रही थी। वे लोग गरीब नवाज एक्सप्रेस की एस10 कोच में बैठे थे कि तभी ऊपर की बर्थ पर बैठा एक युवक नीचे कूदा और उसने महिला के बगल में पड़ा हैंडबैग उठाया और भाग गया। उन लोगों ने चोर का पीछा किया, लेकिन तब तक वह बहुत आगे जाकर ट्रेन से कूद गया। उन लोगों ने इमरजेंसी चेन खींची और ट्रेन रुकवाकर टीटीई से इसकी शिकायत की। टीटीई ने महिला की शिकायत पर कहा कि वारदात के 30 दिनों के अंदर जीआरपी में शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
साथ ही, टीटीई ने उनसे यात्रा जारी रखने को कहा, क्योंकि बाकी यात्रियों को समस्या हो रही थी। जीआरपी ने करीब 6 दिनों की भागदौड़ के बाद महिला की शिकायत दर्ज की। जब जीआरपी ने संतोषजनक कार्रवाई नहीं की तो रोमिला ने 27 नवंबर, 2014 को कंज्यूमर फोरम इसकी शिकायत दर्ज करवाई। वहीं, महिला की शिकायत पर रेलवे ने जवाब दिया कि उन्होंने अपनी एक रिश्तेदार को ट्रेन में चढ़ाने के लिए चेन खींची थी, चोरी जैसी कोई घटना नहीं हुई। 2014 से चले आ रहे केस का फैसला 4 सितंबर, 2018 को आया और कोर्ट ने महिला के हक में फैसला सुनाया। कोर्ट ने दक्षिण-पश्चिम रेलवे को रोमिला देवी को 4,42,100 रुपए का हर्जाना चुकाने का आदेश दिया है।