राजस्थान सरकार की अभिनव पहल, बच्चों को तनाव से बचाने को स्कूलों में होंगे विशेष प्रवचन, लगेंगे ध्यान शिविर

Edited By Updated: 22 Aug, 2025 03:02 PM

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अब राजस्थान प्रदेश के स्कूलों में चातुर्मास में विशेष प्रवचन, योग, ध्यान शिविर और कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। इनका उद्देश्य विद्यार्थियों में भारतीय संस्कृति, धर्मों का सम्मान, स्वास्थ्य, अहिंसा, संयम और करुणा जैसे मूल्यों का विकास करना है।

राजस्थान : अब राजस्थान प्रदेश के स्कूलों में चातुर्मास में विशेष प्रवचन, योग, ध्यान शिविर और कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। इनका उद्देश्य विद्यार्थियों में भारतीय संस्कृति, धर्मों का सम्मान, स्वास्थ्य, अहिंसा, संयम और करुणा जैसे मूल्यों का विकास करना है। योग, ध्यान, प्रवचन और विभिन्न आध्यात्मिक व सांस्कृतिक गतिविधियों से बच्चों को जीवन मूल्यों से जोड़ा जाएगा। राजस्थान समग्र जैन युवा परिषद के प्रस्ताव पर राज्य सरकार मुहर लगा दी है। राजस्थान सरकार स्कूल शिक्षा (ग्रुप 5) विभाग के शासन उप सचिव राजेश दत्त माथुर ने यह सरकारी आदेश जारी किया है ।

परिषद अध्यक्ष जिनेन्द्र जैन ने बताया कि यह पहल विद्यार्थियों को नशा, हिंसा और तनाव से दूर रखेगा और एक संतुलित और संस्कारयुक्त जीवन की ओर प्रेरित करेगा। विद्यार्थियों को आयुर्वेद, पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के लिए भी जागरूक किया जाएगा। 

अवसाद और एकांकीपन को दूर करने का प्रयास
वर्तमान समय में विद्यार्थी आधुनिकता और शहरीकरण के दबाव में भारतीय संस्कृति व मूल्यों से दूर हो रहे हैं। शिक्षा में प्रतिस्पर्धा और भौतिकता के कारण विद्यार्थियों के जीवन में तनाव, नशे की प्रवृत्ति, अवसाद और एकांकीपन बढ़ रहा है। ऐसे में परिषद ने सरकार को सुझाव दिया था कि विद्यार्थियों को समय-समय पर भारतीय संस्कृति, अहिंसा, करुणा और संयम के मूल्यों की जानकारी दी जाए। शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य, आत्म-अनुशासन, ध्यान और अध्यात्मिक विकास के लिए विशेष प्रवचन और कार्यशालाएं आयोजित की जाएं। अब इन सुझावों को सरकार ने मान लिया है।

विद्यालयों में श्रमणों के आने से विद्यार्थी होगे श्रमण संस्कृति से परिचित - श्रमण डॉ. पुष्पेन्द्र मुनि
राजस्थान सरकार की यह पहल बहुत ही सराहनीय एवं महत्वपूर्ण है वर्तमान परिस्थितियों में राज्य के विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थी अवसाद,मानसिक तनाव एवं भय से ग्रसित होकर अपनी पढ़ाई व परिवार के प्रति संवेदनशील नहीं होता ऐसे अवसर पर श्रमणों के प्रवचन - कथनों के माध्यम से एक सकारात्मकता की अनुभूति के साथ उचित मार्गदर्शन प्राप्त होगा तो वह अवसाद एवं तनाव से बाहर निकलेगा। वह अपने देश एवं राज्य तथा समाज के प्रति अपने कर्तव्य तथा दायित्व का कुशल निर्वहन करेगा l

वर्तमान समय में विद्यार्थियों के ऊपर पश्चिमी संस्कृति एवं सोश्यल मीडिया तथा शहरीकरण व आधुनिकीकरण के प्रभाव होने के कारण वे मानसिक दबाव,अवसाद से ग्रसित हो रहे है l सरकार के द्वारा की गई अभिनव पहल से विद्यार्थियों में आत्मविश्वास और एकाग्रता तथा अनुशासन में वृद्धि होगी l इसके साथ ही विद्यार्थियों में संस्कारों में वृद्धि होगी और वे भारतीय संस्कृति और विरासत को जानने का बेहतर मौका मिलेगा। अभी यह प्रयोग राजस्थान में किया, जो कि सरकार द्वारा सफलतापूर्वक लागू किया जा रहा, देश के विविध राज्यों में भी इस अभिनव पहल को लागू करवाने का प्रयास किया जाएगा। 

जैन समुदाय ने अभिनव पहल का किया स्वागत और युवा परिषद् ने जताया सरकार का आभार
राजकीय एवं निजी विद्यालयों में चातुर्मास के समय श्रमणों ( साधु -साध्वियों ) के विशेष प्रवचन एवं सेमीनार और अर्ह ध्यान योग शिविर व कार्यशाला आयोजित करवाने की अभिनव पहल का जोरदार स्वागत करते हुए इस निर्णय के लिए सरकार की बहुत बहुत अनुमोदन की है l इस अवसर पर राजस्थान समग्र जैन युवा परिषद् के अध्यक्ष जिनेन्द्र जैन एवं परिषद् के सभी पदाधिकारियों और युवा वर्ग तथा विद्यार्थियों ने राजस्थान सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, कैबिनेट शिक्षा मंत्री मदन दिलावर,मुख सचिव सुधांश पंत, विद्यालयी शिक्षा शासन सचिव कृष्ण कुणाल एवं शासन उप सचिव राजेश दत्त माथुर का आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।

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