राजीव गांधी हत्याकांड: नलिनी ने एक बार फिर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया

Edited By ,Updated: 15 Dec, 2015 08:51 AM

rajiv gandhi assassination case

राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी श्रीहरन ने एक बार फिर मद्रास उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और तमिलनाडु सरकार को समय पूर्व रिहाई के उसके अनुरोध पर विचार करने का निर्देश देने की मांग की।

चेन्नई: राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी श्रीहरन ने एक बार फिर मद्रास उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और तमिलनाडु सरकार को समय पूर्व रिहाई के उसके अनुरोध पर विचार करने का निर्देश देने की मांग की। वेल्लूर की विशेष महिला जेल में बंद नलिनी ने कहा कि वह 24 साल से अधिक समय से जेल की सजा काट चुकी है।

नलिनी को पहले मौत की सजा सुनाई गई थी जिस पर उच्चतम न्यायालय ने मुहर लगाई थी और बाद में तमिलनाडु सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत 24 अप्रैल 2000 को उसकी सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया। उसने कहा कि 10 साल की सजा काट चुके करीब 2200 दोषियों को तमिलनाडु सरकार रिहा कर चुकी है जिन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

नलिनी ने कहा कि तमिलनाडु ने उसकी रिहाई पर इस आधार पर विचार नहीं किया कि उसका मामला आपराधिक प्रक्रिया संहिता की अलग धारा के तहत आता है। नलिनी ने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने 20 साल का वास्तविक कारावास काट चुके उम्रकैद के सजायाफ्ता दोषियों की समयपूर्व रिहाई की योजना बनाई है। 10 नवंबर, 1994 को एक सरकारी आदेश भी पारित किया गया था जिसके तहत भी उसकी रिहाई पर विचार नहीं किया गया। उसने अदालत से उचित समय के भीतर अपने अनुरोध पर फैसला करने के लिए निर्देश जारी करने की मांग की।

नलिनी को मामले में 28 जनवरी, 1998 को निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। तमिलनाडु के राज्यपाल ने 24 अप्रैल, 2000 को सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था।

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