NRC विवाद: जानिए, राजीव गांधी ने क्यों किया था असम समझौता

Edited By Seema Sharma,Updated: 01 Aug, 2018 02:19 PM

rajiv gandhi had done assam accord

राज्यसभा में राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) मुद्दे पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा दिए गए बयान पर हंगामा आज भी जारी है। शाह ने मंगलवार को कहा था कि1985 में कांग्रेस ने इस योजना की घोषणा की थी लेकिन उनमें इसे लागू करने की कांग्रेस में हिम्मत नहीं...

नई दिल्लीः राज्यसभा में राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) मुद्दे पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा दिए गए बयान पर हंगामा आज भी जारी है। शाह ने मंगलवार को कहा था कि1985 में कांग्रेस ने इस योजना की घोषणा की थी लेकिन उनमें इसे लागू करने की कांग्रेस में हिम्मत नहीं थी इसलिए यह योजना अब तक लंबित रही। भाजपा की इसी टिप्पणी पर कांग्रेस विरोध कर रही है। 
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15 अगस्त को राजीव गांधी ने की थी घोषणा
शाह ने सदन में कहा कि 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने असम समझौते के तहत एनआरसी बनाने का ऐलान किया था। 14 अगस्त 1985 को राजीव गांधी ने असम समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद 15 अगस्त को लाल किले से इसकी घोषणा की थी। समझौते में कहा गया है कि अवैध घुसपैठियों की पहचान कर, उनको हमारे नागरिक रजिस्टर से अलग कर एक शुद्ध नेशनल सिटीजन रजिस्टर बनाया जाएगा।’’ शाह ने कहा कि एनआरसी बनाने की यह पहल पूर्व प्रधानमंत्री के फैसले के अनुपालन में ही की गई है। 
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इन वजहों से राजीव गांधी ने किया था असम समझौता

  • असम में 1980 में बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा काफी गर्माया हुआ था।
     
  • 1947 में भारत-पाकिस्‍तान के बंटवारे के बाद कुछ लोग असम से पूर्वी पाकिस्तान चले गए, लेकिन उनकी जमीन असम में थी और लोगों का दोनों और से आना-जाना बंटवारे के बाद भी जारी रहा। ऐसे में लोगों पर रोक लगाने के लिए 1951 में पहली बार एनआरसी के डाटा का अपटेड किया गया।
     
  • बांग्लादेशी अवैध रूप से असम में दाखिल हो रहे थे। अखिल असम छात्र संघ (आसू) और असम गण परिषद ने इसका विरोध किया किया बाहरी लोग भारत में दाखिल हो रहे हैं। 
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  • अखिल असम छात्र संघ (आसू) और असम गण परिषद को शांत करने के लिए राजीव गांधी सरकार और आंदोलन कर रहे नेताओं के बीच असम समझौता हुआ।
     
  • इस समझौते में कहा गया कि 24 मार्च 1971 तक असम में आकर बसे बांग्लादेशियों को नागरिकता दी जाएगी जबकि इस तय समय के बाद आए बाकी लोगों को राज्य से डिपोर्ट किया जाएगा। 
     
  • असम समझौते के तहत बाहरी लोगों को असम आने से रोकने के लिए यहां की सीमाओं को सील करने, ग़ैर-कानूनी बाहरी लोगों की पहचान करने और उनके नाम को मतदाता सूची से हटाए जाने के लिए एनआरसी का ड्राफ्ट बनाने की बात कही गई थी। अब भाजपा ने एनआरसी ड्राफ्ट लेकर आई है।
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