‘ओम्’-रक्षा सूत्र और पहियो के नीचे नींबू, राजनाथ ने ऐसे की राफेल की पूजा, 35 मिनट तक भरी उड़ान

Edited By Seema Sharma,Updated: 09 Oct, 2019 08:56 AM

rajnath worships rafale

फ्रांस ने मंगलवार को मैरिनेक एयरबेस पर भारत को पहला सबसे बड़ा ‘शत्रु संहारक’ राफेल फाइटर जैट सौंपा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एयरबेस पर ही राफेल में लगे हथियारों की पूजा भी की। उन्होंने राफेल में करीब 35 मिनट तक उड़ान भरी। हैंडिंग ओवर सैरेमनी में...

पैरिस: फ्रांस ने मंगलवार को मैरिनेक एयरबेस पर भारत को पहला सबसे बड़ा ‘शत्रु संहारक’ राफेल फाइटर जैट सौंपा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एयरबेस पर ही राफेल में लगे हथियारों की पूजा भी की। उन्होंने राफेल में करीब 35 मिनट तक उड़ान भरी। हैंडिंग ओवर सैरेमनी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरैंस पार्ले और दैसो एविएशन के सी.ई.ओ. एरिक ट्रैपिए मौजूद थे। सैरेमनी में राजनाथ ने कहा, ‘‘राफेल का अर्थ आंधी होता है, मुझे उम्मीद है कि यह अपने नाम को साबित करेगा, दुश्मनों का हौसला पस्त व आतंक का खात्मा होगा।’’ भारत-फ्रांस के बीच हुए 59,000 करोड़ रुपए के राफेल सौदे और एयरक्राफ्ट की खूबियों को लेकर एक वीडियो प्रैजैंटेशन भी दिया गया।

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विधि-विधान से शस्त्र पूजन कर लिखा ‘ओम्’
राफेल हासिल करने के बाद राजनाथ सिंह ने पूरी भारतीय परंपरा और विधि-विधान से शस्त्र पूजा की। इस दौरान रक्षा मंत्री ने विमान के अगले हिस्से पर कुमकुम का तिलक लगाया और ‘ओम्’ लिखा। फूल और नारियल भी रखे गए। पूजा विधि के अनुसार विमान के पंख में राजनाथ ने रक्षा सूत्र बांधा। राफेल के शस्त्र पूजा के दौरान बुरी नजर से बचाने के लिए दोनों पहियों के नीचे नींबू भी रखे गए।

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इससे पहले राजनाथ ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से भी मुलाकात की। वायुसेना के वाइस चीफ एयर मार्शल एच.एस. अरोड़ा भी रक्षा मंत्री के साथ थे। भारत को मिलने वाले पहले राफेल का नाम वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर.के.एस. भदौरिया के नाम पर ‘आर.बी. 001’ रखा जाएगा। भदौरिया ने ही राफेल सौदे में अहम भूमिका निभाई है। राफेल का पहला विमान हासिल करने के साथ ही इस बेहद मारक लड़ाकू जैट के भारत आने की उलटी गिनती भी शुरू हो गई है।

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भारतीय वायुसेना के पायलट राफेल उड़ाने और इसके तकनीकी प्रबंधन का प्रशिक्षण हासिल करने के लिए पहले ही फ्रांस पहुंच गए हैं। राफेल से 1500 घंटे की उड़ान पूरी करने के बाद इस विमान को मई, 2020 में भारत लाया जाएगा। 4 राफेल विमानों का पहला जत्था भारतीय वायुसेना को अगले साल मई में मिलेगा। राफेल में मीटियर और स्काल्प मिसाइलें लगी हैं जो 100 कि.मी. के दायरे में एक साथ 40 टार्गेट डिटैक्ट कर सकती हैं। इससे भारतीय वायुसेना को अद्वितीय मारक क्षमता हासिल होगी।

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