बांडीपुरा रेप केस: राज्यपाल बोले- जघन्य घटना, अपराधियों को मिले सख्त सजा

Edited By Monika Jamwal,Updated: 13 May, 2019 04:55 PM

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बांडीपुरा जिले में एक तीन साल की मासूम बच्ची के साथ रेप का मामला गरमाता जा रहा है। इस मामले में अब राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने हैरानी जाहिर करते हुए इसे जघन्य अपराध बताया है।

श्रीनगर : बांडीपुरा जिले में एक तीन साल की मासूम बच्ची के साथ रेप का मामला गरमाता जा रहा है। इस मामले में अब राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने हैरानी जाहिर करते हुए इसे जघन्य अपराध बताया है।  राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने 3 साल की बच्ची से बलात्कार को दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताते हुए आईजीपी कश्मीर एसपी पाणि से बात की और मामले में चल रही जांच की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने आईजीपी को मामले में तेजी से काम करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि अपराधी को इस शर्मनाक कृत्य के लिए कड़ी से कड़ी सजा मिले। 


राजभवन के प्रवक्ता ने कहा है कि राज्यपाल ने विभिन्न समुदायों के धार्मिक नेताओं से भी बात की है। उनसे लोगों से शांत रहने जबकि असामाजिक तत्वों को समाज में शांति और सद्भाव बिगाडऩे नहीं देने की अपील भी की। राज्यपाल ने माता-पिता, शिक्षकों और प्रमुख नागरिकों से नैतिक रूप से मूल्य आधारित शिक्षा के साथ बच्चों को आत्मसात करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने का आग्रह भी किया ताकि हमारे समाज में करुणा और दया के आधार पर एक मजबूत नींव का निर्माण हो सके।


जांच होगी पूरी तरह त्रुटिहीन : डी.आई.जी. 
पुलिस ने सोमवार को कहा कि बांडीपुरा के सुम्बल में 3 साल की बच्ची के साथ रेप मामले में जांच पूरी तरह से त्रुटिहीन होगी और लोगों को उनपर विश्वास होना चाहिए। 
सुम्बल में पत्रकारों से बातचीत में डी.आई.जी. (उतर कश्मीर) मोहम्मद सुलेमान चौधरी ने आश्वासन दिया कि मामले में जारी जांच पूरी तरह से त्रुटिहीन होगी और लोगों को उनपर भरोसा होना चाहिए।  उन्होने कहा कि पहले से विशेष जांच दल (सिट) का गठन किया गया हैं जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और अभियोजन अधिकारी शामिल हैं और वे सबूत इकट्ठा कर रहे हैं। मामले की जांच पेशेवर तरीके से की जाएगी। मैंने व्यक्तिगत रुप से सुम्बल का दौरा किया और एस.एस.पी. बांडीपुरा भी पिछले कुछ दिनों से सुम्बल में तैनात हैं। 


चौधरी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से आसपास के इलाकों में विरोध प्रदर्शन हो रहे थे जहां घटना घटी थी क्योंकि एक स्कूल के प्रिंसीपल द्वारा आरोपी का डी.ओ.बी. प्रमाणपत्र जारी किए जाने के बाद आरोपी की उम्र के बारे में कुछ संदेह था। प्रमाणपत्र को स्कूल के प्राचार्य द्वारा जारी किया गया और बाद में सोशल मीडिया पर साझा किया गया जो प्रामाणिक नही हैं। हमने इस पर अलग से संज्ञान लिया है और स्कूल के प्रिंसीपल और इसमें शामिल लोगों से पूछताछ की जा रही हैं। पुलिस अधिकारी ने कहा कि घटना के बारे में 8 मई को पुलिस को सूचना दी गई थी जिसके तुरन्त बाद आरोपी को गिरफतार किया गया और वह पुलिस हिरासत में हैं। मैं लोगों से हिंसा नही करने की अपील करता हूं।


दोषियों को मिले सजा-ए-मौत
जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के चेयरमैन शाह फैसल ने कहा कि दुष्कर्म आरोपित को सजा.ए.मौत होनी चाहिए। आरोपित की उम्र पर उन्होंने कहा कि जहां तक उनको पता है कि आरोपित को नाबालिग बताने वाला प्रमाणपत्र फर्जी है। उसे व्यस्क माना जाए और फांसी दी जाए।

दोषी बच न पाएं 
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने तीन वर्षीय मासूम के साथ हुए दुष्कर्म की कड़े शब्दों में निंदा की है। पुलिस को दोषी को पूरी तरह चिह्न्ति करते हुए उसके खिलाफ  एक ऐसा मामला बनाना चाहिए कि वह बच न सके। पुलिस को दोषी को कठोर दंड सुनिश्चित बनाना चाहिए, ताकि दोबारा इस तरह का कोई जघन्य अपराध न हो।


 

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