Edited By Pardeep,Updated: 29 May, 2018 05:37 AM
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच मंगलवार को होने वाली समन्वय बैठक में सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के विनिवेश और पेट्रोल , डीजल की महंगाई का मुद्दा उठ सकता है। आरएसएस के संयुक्त महासचिव...
नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच मंगलवार को होने वाली समन्वय बैठक में सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के विनिवेश और पेट्रोल , डीजल की महंगाई का मुद्दा उठ सकता है।
आरएसएस के संयुक्त महासचिव कृष्ण गोपाल की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह , वित्त एवं रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य एवं उद्योग तथा नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु के भाग लेने की उम्मीद है। बैठक में भारतीय मजदूर संघ,भारतीय किसान संघ , लघु उद्योग भारती और स्वदेशी जागरण मंच जैसे संघ के आर्थिक समूह अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे और सरकार की विभिन्न आर्थिक नीतियों के मामले में अपना फीडबैक भी देंगे। सूत्रों के अनुसार एयर इंडिया के विनिवेश और पेट्रोल, डीजल के दाम बढऩे का मुद्दा भी बैठक में उठ सकता है।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने इससे पहले स्पष्ट तौर पर कहा था कि एयर इंडिया को किसी विदेशी खरीदार को नहीं बेचा जाना चाहिए। भारतीय मजदूर संघ और स्वदेशी जागरण मंच ने भी मौजूदा तरीके से एयर इंडिया के विनिवेश का विरोध किया है। मंच का कहना है कि एयर इंडिया को परिचालन मुनाफा हो रहा है लेकिन भारी कर्ज की वजह से वह घाटे में चल रही है। मंच ने सुझाव दिया कि सरकार को इस राष्ट्रीय विमानन कंपनी के कर्ज का भुगतान करने के लिये उसकी संपत्तियों का मौद्रिकरण करना चाहिए।
केन्द्र सरकार ने एयर इंडिया की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी और प्रबंधन नियंत्रण बेचने के लिये इच्छुक कंपनियों से ‘‘ आशय पत्र ’’ आमंत्रित किया है। केन्द्र सरकार की एयर इंडिया में 100 प्रतिशत भागीदारी है। सरकार ने एयर इंडिया को घाटे से उबारने के लिये 2012 के बाद से 23,000 करोड़ रुपये से अधिक पूंजी इसमें डाली है।