Edited By Yaspal,Updated: 05 Oct, 2019 10:04 PM
अहमदाबाद के गांधी आश्रम (साबरमती आश्रम) और वहां के रहने वाले लोगों में आश्रम के मूल स्वरूप में बदलाव करने को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से दिए गए नोटिस पर नाराजगी जताई है। केंद्र सरकार आश्रम का विकास करने के लिए इसके मूल स्वरूप
नेशनल डेस्कः अहमदाबाद के गांधी आश्रम (साबरमती आश्रम) और वहां के रहने वाले लोगों में आश्रम के मूल स्वरूप में बदलाव करने को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से दिए गए नोटिस पर नाराजगी जताई है। केंद्र सरकार आश्रम का विकास करने के लिए इसके मूल स्वरूप में बदलाव करना चाहती है। लेकिन आश्रम के ट्रस्टी और गांधीवादी इसके मूल स्वरूप में बदलाव के खिलाफ हैं। हालांकि, सरकार की तरफ से आश्रम के विकास विकास की बात की गई है। आश्रम की जमीन पर कुछ और बनाने की सरकार की अभी कोई योजना नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो अक्तूबर को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर साबरमती आश्रम गए थे। उसके बाद केंद्र सरकार ने आश्रम को एक नोटिस भेजा था। खादी ग्रामोद्योग प्रयोग समिति के प्रबंध निदेशक विजय बहादुर सिंह का कहना है कि नोटिस में आश्रम के विकास के लिए सरकार को सहयोग करने की अपेक्षा की बात कही गई है।
उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि सरकार कैसा विकास करना चाहती है तथा हमसे क्या उम्मीद है, यह स्पष्ट नहीं किया गया है। 40 हजार वर्गमीटर क्षेत्र में फैले आश्रम में आज भी खादी वस्त्र, चरखा, साबुन, चप्पल, जूते और प्राकृतिक तेल आदि बनाए जाते हैं, साथ ही कई शैक्षणिक संस्थाएं चल रही हैं।
वहीं, साबरमती आश्रम प्रिजर्वेशन एंड मेमोरियल ट्रस्ट के ट्रस्टी सुदर्शन आयंगर ने कहा कि वे आश्रम को भव्य बनाने की पहल का विरोध करेंगे। वहीं, दूसरी तरफ आश्रम के सामने रहने वाले 200 परिवारों को लग रहा है कि सरकार उनकी प्राइम लोकेशन की भूमि को लेना चाहती है, इसलिए वे इसका विरोध कर रहे हैं