Edited By Monika Jamwal,Updated: 30 Jul, 2020 06:37 PM
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सैफुद्दीन सोज ने बृहस्पतिवार को कहा कि पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर (पूर्व राज्य) के विशेष दर्जे को समाप्त किये जाने के बाद से अवैध रूप से नजरबंद रखने को लेकर वह सरकार पर मुकदमा करेंगे।
श्रीनगर : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सैफुद्दीन सोज ने बृहस्पतिवार को कहा कि पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर (पूर्व राज्य) के विशेष दर्जे को समाप्त किये जाने के बाद से अवैध रूप से नजरबंद रखने को लेकर वह सरकार पर मुकदमा करेंगे। उन्होंने उच्चतम न्यायालय में केंद्र के इस जवाब को ठ बताया कि वह नजरबंद नहीं हैं। सोज ने यहां जारी एक बयान में कहा," उच्चतम न्यायालय में सरकार द्वारा अपनाये गये इस रुख पर कड़ा ऐतराज करता हूं कि पांच अगस्त, 2019से मुझे नजरबंद नहीं किया गया था और न ही मुझ पर पाबंदियां लगायी गयी थीं।" उन्होंने कहा कि सरकार ने का रास्ता अख्तियार किया जबकि उसने मुझे पांच अगस्त, 2019 से गैर कानूनी तरीके से बंदी बना लिया था।
उन्होंने कहा,"इस दौरान मुझे अपने परिसर से बाहर नहीं जाने दिया गया। मैं दो बार परिसर से बाहर गया जब मुझे 17 सितंबर-21 सितंबर 2019 के बीच अपनी बीमार बहन को देखने दिल्ली जाना पड़ा, और 15 दिसंबर-21 दिसंबर , 2019 के बीच मुझे चिकित्सकीय सलाह के लिए बाहर जाना पड़ा। पांच अगस्त, 2019 के बाद मैं जब भी बाहर गया तो मुझे सरकार से इजाजत लेनी पड़ी।" पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा,"पांच अगस्त, २०१९ से मुझे गैर कानूनी से नजरबंद रखने के लिए मैंने सरकार पर मुकदमा करने का निर्णय लिया है। संविधान के तहत मैं जिन नागरिक अधिकारों का हकदार हूं, उन्हें निलंबित रखने और मुझे बंदी बनाने को लेकर मैं क्षतिपूर्ति की मांग करते हुए सरकार पर के खिलाफ मुकदमा दायर करूंगा।"
उच्चतम न्यायालय में दाखिल हलफनामे में जम्मू कश्मीर प्रशासन ने कहा था कि सोज को "नजरबंद नहीं किया गया था, उनकी आवाजाही पर कोई पाबंदी नहीं थी।"