प्रतिबंध झेल रहे रूस ने भारत से मांगी मदद, प्रमुख क्षेत्रों में निर्यात के लिए 500 उत्पादों की भेजी लिस्ट

Edited By Tanuja,Updated: 01 Dec, 2022 11:58 AM

sanctions hit russia turns to india for 500 products in its key sectors

यूक्रेन युद्ध कारण प्रतिबंध झेल रहे रूस ने प्रमुख क्षेत्रों में अपनी अपनी मांग पूरी करने के लिए भारत का सहारा मांगा है। रूस ने भारत को...

इंटरनेशनल डेस्कः यूक्रेन युद्ध कारण प्रतिबंध झेल रहे रूस ने प्रमुख क्षेत्रों में अपनी अपनी मांग पूरी करने के लिए भारत का सहारा मांगा है।   रूस ने भारत को संभावित वितरण के लिए 500 से अधिक उत्पादों की एक सूची भेजी है, जिसमें कारों, विमानों और ट्रेनों के पुर्जे शामिल हैं। इस मामले से परिचित चार सूत्रों ने कहा क्योंकि प्रतिबंध महत्वपूर्ण उद्योगों को चालू रखने की रूस की क्षमता को कम कर रहे हैं इसलिए रूस ने भारत को 500 से ज्यादा उत्पादों की सूची भेजी है, जिनका निर्यात रूस को किया जा सकता है।  सूत्रों ने कहा कि इसमें कारों, विमानों और रेलगाड़ियों के कल-पुर्जे भी शामिल हैं।

 

रूस पर लगे प्रतिबंधों के कारण उसकी उद्योगों को चलाने की क्षमता प्रभावित हुई है, जिसे देखते हुए वह भारत से इनका आयात करना चाहता है। रायटर्स के अनुसार इस सूची में यह स्पष्ट नहीं है कि भारत कितने सामान का निर्यात कितनी मात्रा में करेगा, लेकिन भारत सरकार के एक सूत्र ने कहा कि यह अनुरोध असामान्य था। सूत्र ने कहा कि भारत इस तरीके से अपना व्यापार बढ़ाने को इच्छुक है क्योंकि वह रूस के साथ बढ़ते व्यापार घाटे को कम करने की कोशिश कर रहा है।  कुछ कंपनियों ने चिंता जताई है, क्योंकि इससे पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के उल्लंघन की आशंका है। 

 

मॉस्को में उद्योग के एक सूत्र ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए नाम न छापने की शर्त पर कहा कि रूस के उद्योग एवं व्यापार मंत्रालय ने बड़ी कंपनियों से कहा है कि सूची में शामिल कच्चे माल और उपकरणों की आपूर्ति करें। सूत्र ने कहा कि वस्तुओं की विशिष्टताओं व मात्रा को लेकर सहमति की जरूरत होगी और यह भारत तक सीमित नहीं है।  रूस के उद्योग एवं व्यापार मंत्रालय और भारत के विदेश व वाणिज्य मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस सिलसिले में मांगी गई प्रतिक्रिया का तत्काल कोई जवाब नहीं दिया है।

 

भारत के 2 सूत्रों ने कहा कि रूस की ओर से अनुरोध 7 नवंबर से शुरू विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर की मॉस्को यात्रा के एक हफ्ते पहले आया था। अभी तत्काल यह साफ नहीं हो पाया है कि इस दौरे के दौरान भारत ने रूस को क्या संदेश दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने यूक्रेन में युद्ध को लेकर सीधे तौर पर आलोचना करने में पश्चिमी देशों का साथ नहीं दिया था। साथ ही भारत ने रूस से तेल का आयात बहुत ज्यादा बढ़ा दिया, जिसके कारण रूस को प्रतिबंध से कुछ राहत मिली।
 
अप्रैल-अक्टूबर के दौरान रूस से भारत को तैयार इस्पात आयात कम से कम चार वर्ष के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। रॉयटर्स द्वारा संकलित सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के चलते रूस की शिपमेंट रणनीति में बदलाव का पता चलता है। अप्रैल में शुरू हुए चालू वित्त वर्ष के पहले 7 महीनों में रूस से भारत भेजे गए इस्पात की मात्रा 1,49,000 टन तक पहुंच गई। जबकि एक साल पहले की समान अवधि में लगभग 34,000 टन इस्पात भारत आया था।

 

भारत के कुल आयात में रूस की हिस्सेदारी करीब 5 प्रतिशत है, लेकिन यह 5 प्रमुख निर्यातकों में शामिल है। अप्रैल से अक्टूबर के बीच भारत का कुल इस्पात आयात 32 लाख टन रहा, जो एक साल पहले की तुलना में 14.5 फीसदी अधिक है। दक्षिण कोरिया ने भारत को 13 लाख टन स्टील का निर्यात किया। यह देश की कुल खरीद का 41 फीसदी है। अप्रैल और अक्टूबर के बीच, भारत स्टील के शुद्ध निर्यातक के रूप में उभरा, हालांकि निर्यात कर और वैश्विक मांग में मंदी के कारण कुल शिपमेंट आधे से भी कम हो गई। 
 

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