Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 May, 2018 01:39 AM
राष्ट्रीय जांच अदालत (एनआईए) की एर्नाकुलम विशेष अदालत ने वर्ष 2007 में केरल में हथियार प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने के मामले में प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया(सिमी) के नेता सफदर नागोरी समेत 18 कार्यकर्ताओं को मंगलवार को सात...
कोच्चि : राष्ट्रीय जांच अदालत (एनआईए) की एर्नाकुलम विशेष अदालत ने वर्ष 2007 में केरल में हथियार प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने के मामले में प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया(सिमी) के नेता सफदर नागोरी समेत 18 कार्यकर्ताओं को मंगलवार को सात साल की जेल की सजा सुनाई।
एनआईए की विशेष अदालत के न्यायाधीश कौसर एडप्पागथ ने उन्हें गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए), विस्फोटक पदार्थ अधिनियम (ईएसए) और धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) के भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धारा के तहत अलग-अलग शर्तों के आधार पर जेल की सजा सुनाई। सभी मामलों पर सजा एक साथ चलाने का आदेश दिया गया है।
बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि 14 अभियुक्त जो सात साल से अधिक समय तक न्यायिक हिरासत में हैं, उन्हें अदालत द्वारा इसका लाभ मिलेगा। अदालत ने इस मामले में कल 17 अभियुक्तों को बरी कर दिया था। केरल के वागामोन में थांगलपारा में सिमी द्वारा आयोजित एक गुप्त प्रशिक्षण शिविर में केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, झारखंड और उत्तर प्रदेश के इस संगठन के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
प्रतिभागियों को देश में ‘जिहाद’ के नाम पर शारीरिक प्रशिक्षण, फायरिंग का अभ्यास, विस्फोटकों को प्रशिक्षण, मोटरसाइकिल दौड, रस्सी द्वारा चढ़ाई करने का प्रशिक्षण दिया गया। एनआईए ने जनवरी 2010 में इस मामले को अपने हाथ में ले लिया और 38 आरोपियों के खिलाफ 30 दिसंबर 2015 को आरोप पत्र दाखिल किया। सुनवाई के दौरान 17 लोगों को बरी कर दिया गया।