जम्मू कश्मीर : एक साल तक सलाखों के पीछे रह सकते हैं अलगाववादी और राजनेता

Edited By Monika Jamwal,Updated: 13 Aug, 2019 12:32 PM

separatist can be kept in jail for one year

जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद से केन्द्र सरकार इस बात के भरसक प्रयासों में जुटी हैं कि राज्य में शांति का माहौल स्थापित हो सके। इसके लिए हिरासत में लिए गए अलगाववादी और राजनेताओं की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं।

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद से केन्द्र सरकार इस बात के भरसक प्रयासों में जुटी हैं कि राज्य में शांति का माहौल स्थापित हो सके। इसके लिए हिरासत में लिए गए अलगाववादी और राजनेताओं की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं। अटकलें हैं कि उन्हें फिलहाल एक वर्ष तक बाहर का मुंह देखने को नहीं मिलेगा। उन्हें पूरा वर्ष जेल में बिताना पड़ सकता है।


सूत्रों के अनुसार जम्मू में हालात सामान्य हैं पर कश्मीर के हालात पर केन्द्र की पैनी नजर है। ऐसे में हालात सामान्य बनाए रखने के लिए अलगाववादी और राजनेताओं को फिलहाल एक वर्ष तक हिरासत से नहीं निकाला जाएगा। करीब सात सौ लोग हिरासत में हैं और इनमें से डेढ़ सौ तो देश के विभिन्न राज्यों की जेलों में भेजे गये हैं।


उमर और महबूबा भी हैं नजरबंद
अलगाववादी नेता ही नहीं बल्कि मुख्यधारा के नेता भी बंद हैं। अली मोहम्मद सागर जम्मू कश्मीर से बाहर हैं तो फारूक को घर पर ही रखा गया है। हांलाकि गृहमंत्री ने संसद में कहा था कि उन्हें नजरबंद नहीं किया गया है और वह अपने घर में मौज में हैं जबकि फारूक ने मीडिया से कहा था कि उन्हें नजरबंद रखा गया है। वहीं उमर को वन विभाग के गेस्ट हाउस में रखा गया है जबकि महबूबा हरि निवास में हैं। अधिकारिक तौर पर किसी भी अधिकारी ने इन नेताओं की हिरासत का ब्यौरा नहीं दिया। 
 

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