Edited By shukdev,Updated: 26 Jul, 2018 07:29 PM
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार और बसपा सुप्रीमो मायावती के बीच ‘रिश्तों की तल्खी ’खत्म करने के लिए हुई बैठक से दोनों दलों के बीच गठबंधन होने की संभावना जताई जाने लगी है। पवार ने बुधवार को मायावती और उनके निकट सहयोगी सतीश...
नई दिल्ली : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार और बसपा सुप्रीमो मायावती के बीच ‘रिश्तों की तल्खी ’खत्म करने के लिए हुई बैठक से दोनों दलों के बीच गठबंधन होने की संभावना जताई जाने लगी है। पवार ने बुधवार को मायावती और उनके निकट सहयोगी सतीश चंद्र मिश्रा से मुलाकात की थी। पवार ने ट्वीट किया , ‘मायावती और राज्यसभा सदस्य सतीश चंद्र मिश्रा से मुलाकात अच्छी रही।’
बसपा ने हालांकि इस पर चुप्पी साध रखी है लेकिन पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि करीब एक घंटे चली बैठक का उद्देश्य ‘रिश्तों की तल्खी’ खत्म करना था। इससे पहले मायावती ने महाराष्ट्र में राकांपा के साथ गठबंधन के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। इस बार चीजें अलग थीं और बैठक सकारात्मक रही क्योंकि दोनों दल भाजपा का मुकाबला करने के लिए 2019 चुनावों की तैयारियां कर रहे हैं।
रामदास अठावले नीत रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) का कांग्रेस - राकांपा के साथ काफी समय तक गठबंधन रहा था और महाराष्ट्र के दलित समुदाय के बीच उनकी अच्छी पहुंच है। आरपीआई अब भाजपा के साथ गठबंधन में है। सूत्रों ने बताया कि बसपा के साथ गठबंधन से राकांपा को महाराष्ट्र और खासकर विदर्भ क्षेत्र में फायदा मिल सकता है।