Edited By Monika Jamwal,Updated: 17 Dec, 2020 08:20 PM
शिवसेना बालासाहब ठाकरे की जम्मू-कश्मीर इकाई ने बड़ी ब्राह्मणा की एक जेनसेट कंपनी की दो इकाईयों के बंद होने एवं लगभग 200 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाएं जाने के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए सबसिडी हजम करने के बाद बंद हुई इकाइयों की जांच कराने की...
साम्बा : शिवसेना बालासाहब ठाकरे की जम्मू-कश्मीर इकाई ने बड़ी ब्राह्मणा की एक जेनसेट कंपनी की दो इकाईयों के बंद होने एवं लगभग 200 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाएं जाने के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए सबसिडी हजम करने के बाद बंद हुई इकाइयों की जांच कराने की मांग की है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनीष साहनी के नेतृत्व में आज शिवसेना नेताओं ने इन इकाईयों के निष्कासित कर्मचारियों के साथ मुलाकात की और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया।
साहनी ने कहा कि इन निकाले गए कर्मचारियों का आरोप है कि कोरोना संकट की आड़ में उनका शोषण किया गया है। कंपनी ने लॉकडाउन का फायदा उठाते हुए फैक्टरी से सामान और मशीनरी गायब कर दिए हैं। मुख्य गेट पर इकाई के बन्द होने का नोटिस चिपका दिया गया है। कर्मचारियों के अनुसार उन्हें पिछले तीन महीने से वेतन का भी भुगतान भी नहीं किया गया है। कंपनी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुनील कुमार ने कहा कि लगभग 200 कर्मचारी, जिनमें से अधिकांश पिछले 10 से 15 वर्षों से सेवा कर रहे थे, कंपनी द्वारा एक ही झटके में बेरोजगार कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि कंपनियां सरकारी सबसिडी हजम करने के बाद बन्द कर दी जाती है और प्रशासन इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर पाता।
साहनी ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से अपील की है कि वे इन बंद हुई इकाइयों की जाँच के आदेश जारी करें। इस अवसर पर शिवसेना के महासचिव विकास बख्शी, कार्यकारी अध्यक्ष अश्विनी गुप्ता, संजीव सूदन, रजत लाहौरिया, डिंपल, सुमित शर्मा, संजीव सूदन, सुशील शर्मा, कमल कुमार भी उपस्थित थे।