मुख्यमंत्री ने खिलाडिय़ों को दिया ‘पदक लाओ पदक बढ़ाओ’ का नारा

Edited By Archna Sethi,Updated: 16 Aug, 2022 08:44 PM

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के खिलाडिय़ों को ‘पदक लाओ पदक बढ़ाओ’ का नारा दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए पदक विजेता खिलाड़ी को अपने जैसे 5 से 10 खिलाड़ी तैयार करने होंगे। यह तब संभव हो सकता है जब खेल को कैरियर के रूप में लिया जाए।...

चंडीगढ़, 16 अगस्त-(अर्चना सेठी ) हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के खिलाडिय़ों को ‘पदक लाओ पदक बढ़ाओ’ का नारा दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए पदक विजेता खिलाड़ी को अपने जैसे 5 से 10 खिलाड़ी तैयार करने होंगे। यह तब संभव हो सकता है जब खेल को कैरियर के रूप में लिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत राष्ट्रमंडल खेलों की पदक तालिका में इस बार चौथे स्थान पर आया है। हमारा लक्ष्य इस पदक तालिका में पहले स्थान पर आना है और यह लक्ष्य हरियाणा के खिलाड़ी जरूर हासिल कर सकते हैं। उन्होंने प्रदेश के खिलाडिय़ों से प्रधानममंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए पांच प्रण को आत्मसात करने का आह्रान भी किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा की खेल नीति और खिलाडिय़ों की प्रशंसा प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री श्री अमित शाह ने भी की है। हरियाणा देश की खेलों की राजधानी है जिससे बाकि प्रदेश प्रेरणा प्राप्त कर रहे हैं। मुख्यमंत्री गुरुग्राम में राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेताओं एवं इनमें भाग लेने वाले खिलाडिय़ों के सम्मान में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने खिलाडिय़ों को नकद इनाम और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक विजेता को 1 करोड़ 50 लाख रुपये, रजत पदक विजेता को 75 लाख रुपये और कांस्य पदक विजेता को 50 लाख रुपये के नकद पुरस्कार दिए गए। वहीं चौथे स्थान पर आने वाले को 15 लाख रुपये की राशि दी गई। इसके साथ-साथ राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल होने वाले खिलाडिय़ों को साढ़े 7 लाख रुपये की राशि दी गई। बर्मिंघम राष्ट्रमण्डल खेल-2022 में हरियाणा के भारतीय महिला हॉकी टीम में शामिल खिलाडिय़ों सहित कुल 29 खिलाडिय़ों ने पदक जीते हैं। इन्हें प्रदेश की खेल नीति के अनुसार कुल 25 करोड़ 80 लाख रुपये की नकद ईनाम राशि दी गई। साथ ही खिलाडिय़ों को नौकरी का नियुक्ति पत्र भी दिया गया।


खिलाडिय़ों की उपलब्धियों से समूचे प्रदेश में उत्सव जैसा वातावरण
 मनोहर लाल ने कहा कि पूरे देश में हरियाणा के खिलाडिय़ों की चर्चा हो रही है। साथ ही सरकार द्वारा स्कूल के स्तर से लेकर ओलंपिक की तैयारियों तक दिये जा रहे प्रोत्साहन और सुविधाओं की भी सराहना हो रही है। खिलाडिय़ों की उपलब्धियों से समूचे प्रदेश में उत्सव जैसा वातावरण है। खिलाडिय़ों ने अपने खेल प्रदर्शन से हरियाणा प्रदेश का ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है। राष्ट्रमण्डल खेलों में पदक जीतना एक कीर्तिमान तो है ही, इन विश्वस्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेना ही अपने आप में एक महान उपलब्धि है। इस बार के राष्ट्रमण्डल खेलों में भाग लेने वाले देश के 215 खिलाडिय़ों में से 42 युवा हरियाणा के हैं। हमारे खिलाडिय़ों ने देश के 61 में से 20 पदक जीते हैं। इनमें से 17 पदक व्यक्तिगत स्पर्धा में और 3 पदक टीम इवेंट में हैं। उन्होंने कहा कि खेलों में हमारी बेटियां सबसे अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं।
 

हरियाणा प्रदेश के खिलाडिय़ों ने देश व प्रदेश का नाम किया रोशन
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा के जिला सोनीपत के सुधीर ने पैरा पॉवर लिफ्टिंग खेल में गोल्ड मैडल जीता है। सुधीर पैरा पॉवर लिफ्टिंग में गोल्ड मैडल जीतने वाले पहले भारतीय हैं। इसी प्रकार, हरियाणा ने बॉक्सिंग में 2 गोल्ड, 1 सिल्वर व 1 कांस्य पदक, कुश्ती में 6 गोल्ड, 1 सिल्वर तथा 4 कांस्य पदक तथा एथलेटिक्स में 1 कांस्य पदक जीता है। भारतीय महिला हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीता है। यह टीम लगभग हरियाणा की ही है, क्योंकि इसमें प्रदेश की 9 बेटियां खेल रही हैं। भारतीय हॉकी टीम की कैप्टन के रूप में सविता पूनिया ने नेतृत्व किया, जोकि सिरसा की रहने वाली हैं। इस प्रकार हरियाणा प्रदेश के खिलाडिय़ों ने देश के कुल पदकों का 28 प्रतिशत पदक जीतकर देश व प्रदेश का नाम रोशन किया। इसमें हॉकी को भी शामिल कर लिया जाए, तो यह बढक़र 32.7 प्रतिशत हो जाता है।
 

खेलों से हरियाणा के युवाओं के लिए एक नई राह खुली
 मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रतिभाओं को तराशने के लिए अनेक सुविधाएं और प्रोत्साहन दिए हैं। इससे राज्य में एक नई खेल संस्कृति का जन्म हुआ। खेलों से हरियाणा के युवाओं के लिए एक नई राह खुली है, जिससे हर खेल में खिलाडिय़ों का भविष्य सुनहरा दिख रहा है। प्रदेश सरकार ने खिलाडिय़ों के लिए सुरक्षित रोजगार सुनिश्चित करने हेतु ‘हरियाणा प्रतिभाशाली खिलाड़ी नियम-2018’ बनाये हैं। उनके लिए खेल विभाग में 550 नए पद सृजित किए हैं। इसके अलावा, 156 खिलाडिय़ों को सरकारी नौकरी दी गई है। खिलाडिय़ों के लिए क्लास वन से क्लास फोर तक के पदों की सीधी भर्ती में आरक्षण का प्रावधान किया गया है। अर्जुन, दोणाचार्य और ध्यानचंद पुरस्कार जीतने वाले खिलाडिय़ों का मानदेय 5,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये प्रतिमाह किया गया है। तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार विजेताओं को 20 हजार रुपये पतिमाह और भीम पुरस्कार विजेताओं को 5,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय देने की शुरुआत की है।
 

खेलों के लिए बेहतरीन खेल इंफ्रास्ट्रक्चर किया तैयार
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में खेल संस्कृति को विकसित करने के लिए ग्राम स्तर से लेकर राज्य स्तर तक खेलों के लिए बेहतरीन खेल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है। बीते पौने 8 वर्षों में प्रदेश में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर हमने लगभग 526 करोड़ रुपये की राशि खर्च की है। बच्चों में खेल संस्कृति विकसित करने के उद्देश्य से प्रदेश में 1100 खेल नर्सरियां खोली जा रही हैं। इससे राज्य के लगभग 25000 नवोदित खिलाड़ी लाभान्वित होंगे। इन नर्सरियों में प्रशिक्षण लेने वाले 8 से 14 वर्ष तक के खिलाडिय़ों को 1500 रुपये प्रतिमाह तथा 15 से 19 वर्ष तक के खिलाडिय़ों को 2000 रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जाएगी। राज्य सरकार खिलाडिय़ों को बचपन से ही तराशने की नीति पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सोनीपत के राई में खेल यूनिवर्सिटी को विकसित करने का कार्य जारी है।
 

पदक विजेता खिलाडिय़ों को सर्वाधिक नकद पुरस्कार राशि
उल्लेखनीय है कि हरियाणा देश का पहला राज्य है, जो पदक विजेता खिलाडिय़ों को सर्वाधिक नकद पुरस्कार राशि देता है। प्रदेश में पदक विजेता खिलाडिय़ों को नकद पुरस्कार व अन्य सुविधाएं प्रदान करने हेतु ‘हरियाणा स्टेट डेवलपमैंट फंड’ का गठन किया गया है। खिलाडिय़ों को 335 करोड़ रुपये से अधिक के नकद पुरस्कार दिए गए हैं। ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक विजेता को 6 करोड़ रुपये, रजत पदक विजेता को 4 करोड़ रुपये और कांस्य पदक विजेता को 2.5 करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार का प्रावधान किया है। हरियाणा देश का पहला राज्य है, जिसने ओलम्पिक व पैरालम्पिक खेलों के लिए क्वालीफाई करते ही खिलाड़ी को तैयारी के लिए 5 लाख रुपये की एडवांस राशि देने की व्यवस्था की है। पैरालम्पिक में पदक जीतने वाले तथा ओलम्पिक, एशियन, कॉमनवैल्थ और राष्ट्रीय खेल प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने वाले पैरा खिलाडिय़ों को भी सामान्य खिलाडिय़ों के समान नकद पुरस्कार देने का प्रावधान किया गया है। विश्व की 10 सबसे ऊंची पर्वत चोटियों की चढ़ाई करने वाले प्रदेश के पर्वतारोहियों के लिए भी नई नीति लागू की गई है। अब पर्वतारोहियों को 5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार और खेल श्रेणी का ग्रेड-सी प्रमाण-पत्र दिया जाएगा।

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