Edited By vasudha,Updated: 30 Nov, 2019 11:07 AM
मार्च 2018 तक भाजपा की भारत के 21 राज्यों में सरकार थी। कुछ राज्यों में भाजपा अपने दम पर सत्ता में थी और कुछ में सहयोगी दलों की मदद से, लेकिन भाजपा का विजयरथ 2018 से रुकना शुरू हुआ, जब कर्नाटक में कांग्रेस गठबंधन ने सरकार बना ली...
नेशनल डेस्क: मार्च 2018 तक भाजपा की भारत के 21 राज्यों में सरकार थी। कुछ राज्यों में भाजपा अपने दम पर सत्ता में थी और कुछ में सहयोगी दलों की मदद से, लेकिन भाजपा का विजयरथ 2018 से रुकना शुरू हुआ, जब कर्नाटक में कांग्रेस गठबंधन ने सरकार बना ली। हालांकि यह सरकार ज्यादा दिन नहीं चली और कुछ वक्त बाद भाजपा ने फिर से राज्य में सरकार बना ली।
महाराष्ट्र के ताजा नतीजों के बाद यह साफ है कि भाजपा और उसके सहयोगी दलों की राज्यों में पकड़ कम हो रही है। वर्ष 2018 में जब देश में भाजपा की लहर थी तब देश के 70 प्रतिशत राज्यों व 69 प्रतिशत आबादी पर भाजपा और उसके सहयोगी दलों की मजबूत पकड़ थी। हालिया चुनावों में देश के बड़े राज्यों महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश में हार के बाद भाजपा की राज्य सरकारें देश की कुल 45.6 प्रतिशत आबादी व 37.4 प्रतिशत देश पर राज कर रही हैं।
पिछले साल जून से अब तक भाजपा ने 5 बड़े राज्य गंवाए हैं। इनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में उसे बहुमत नहीं मिला। महाराष्ट्र में अपनी सहयोगी पार्टी शिवसेना को नाराज कर लेने से उसे सत्ता से बाहर होना पड़ा। गत जून में जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन से पहले ही भाजपा और पीडीपी की सरकार थी। जम्मू-कश्मीर को अब दो हिस्सों में बांट दिया गया है। वहीं दिल्ली लंबे समय से भाजपा के लिए दूर की कौड़ी बनी हुई है।
21 राज्य हो गए थे राजग के पास
2014 में देश के सिर्फ 7 राज्यों में भाजपा और सहयोगी दलों की सरकारेंं थीं। 2015 में यह संख्या 13 हुई, 2016 में 15, 2017 में 19 और 2018 के शुरू में यह बढ़कर 21 हो गई थी। मगर दिसंबर 2018 में एक साथ तीन राज्य उसके हाथ से फिसले। हरियाणा और महाराष्ट्र चुनाव में से महाराष्ट्र हाथ से निकल ही गया और हरियाणा में भी उसे पूर्ण बहुमत नहीं मिला तथा नए दल से समझौता कर सरकार बनानी पड़ी।