Edited By Yaspal,Updated: 17 Jul, 2020 05:30 PM
राजस्थान कांग्रेस के अंदर सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत में ‘साम-दाम-दंड-भेद’ के सहारे एक दूसरे को शिकस्त देने की कवायद जारी है। पायलट ने अपने 18 समर्थक विधायकों के साथ बागी रुख अख्तियार किया तो कांग्रेस पहले मान-मनौव्वल का प्रयास करती रही। लेकिन...
जयपुरः राजस्थान कांग्रेस के अंदर सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत में ‘साम-दाम-दंड-भेद’ के सहारे एक दूसरे को शिकस्त देने की कवायद जारी है। पायलट ने अपने 18 समर्थक विधायकों के साथ बागी रुख अख्तियार किया तो कांग्रेस पहले मान-मनौव्वल का प्रयास करती रही। लेकिन पायलट अपनी मांगों और शर्तों से पीछे हटने को तैयार नहीं हुए।
ऐसे में कांग्रेस आलाकमान ने गहलोत सरकार की परवाह किए बगैर पायलट और उनके समर्थकों पर सख्त एक्शन लिया, जिसके जरिए कांग्रेस ने देशभर में अपने नेताओं को संदेश दे दिया है कि वो कोई भी हो अगर पार्टी लाइन से बाहर जाता है तो उसके प्रति नरमी नहीं बरती जाएगी।
कांग्रेस की ओर से लगातार सचिन पायलट को पहले घर लौट आने का संदेश दिया जाता रहा। इसके बाद भी नहीं माने तो कांग्रेस ने पायलट को प्रदेश अध्यक्ष और डिप्टी सीएम पद से हटाया। साथ ही उनके दो समर्थक मंत्रियों की भी कैबिनेट से छुट्टी कर दी गई। इसके बाद कांग्रेस ने अनुशासन का डंडा चलाते हुए पायलट और उनके 18 समर्थक कांग्रेस विधायकों को नोटिस भेजा। अब शुक्रवार को पायलट खेमे के दो विधायक भंवरपाल शर्मा और विश्वेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया है और सरकार गिराने की साजिश करने की एफआईआर भी एसओजी में दर्ज करा दिया है।