कोर्ट ने निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार माना है: प्रशांत भूषण

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Aug, 2017 11:13 AM

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उच्चतम न्यायायलय ने निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार करार दिया है।  मुख्य न्यायाधीश जे एस केहर की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय संविधान पीठ ने आज कहा कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकारों की श्रेणी में आता है।

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायायलय ने निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार करार दिया है।  मुख्य न्यायाधीश जे एस केहर की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय संविधान पीठ ने आज कहा कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकारों की श्रेणी में आता है।

इस मामले में याचिकाकर्ता और मशहूर वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट से बाहर आकर बताया कि कोर्ट ने निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार माना है और कहा है कि ये अनुच्छेद 21 के तहत आता है। अब छोटी  खंडपीठ देखेगी कि सरकारी स्कीम के लिए आधार जरुरी या नहीं।

 प्रशांत भूषण ने बताया कि इस फैसले का मतलब ये है कि अगर सरकार रेलवे, एयरलाइन रिजर्वेशन के लिए भी जानकारी मांगी जाती है, तो ऐसी स्थिति में नागरिक की निजता का अधिकार माना जाएगा। हालांकि, आधार कार्ड वैध है या अवैध है, इस पर अभी कोर्ट ने कुछ नहीं बोला है।  आधार कार्ड के संबंध में मामला छोटी खंडपीठ के पास जाएगा। 

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