Edited By Yaspal,Updated: 29 Jul, 2024 07:28 PM

सुप्रीम कोर्ट ने अदालत में लंबित मामलों में कमी लाने के लिए बड़ी पहल शुरू की है। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी विशेष पहल के तहत लोक अदालत लगाने का फैसला किया है। जानकारी के मुताबिक, 29 जुलाई से लेकर 3 अगस्त तक लोक अदालत लगेगी
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने अदालत में लंबित मामलों में कमी लाने के लिए बड़ी पहल शुरू की है। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी विशेष पहल के तहत लोक अदालत लगाने का फैसला किया है। लोक अदालत हर दिन दोपहर 2 बजे के बाद आयोजित की जाएगी और इसमें सुप्रीम कोर्ट के दो जज, एक वरिष्ठ अधिवक्ता और एक एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड मामले की सुनवाई करेंगे। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की यह पहल शीर्ष अदालत में लंबित मामलों की संख्या में कमी लाने के उद्देश्य से लगाई जा रही है।
देश की अदालतों में इतने मामले पैंडिंग
दरअसल, देशभर की अदालतों में 5 करोड़ से अधिक मामले लंबित हैं। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। कानून मंत्री के लिखित जवाब के अनुसार, भारत की विभिन्न अदालतों में पांच करोड़ से अधिक मामले लंबित हैं, जिनमें से सबसे अधिक मामले उत्तर प्रदेश की अधीनस्थ अदालतों में पेंडिंग हैं। यूपी की अदालतों 1.18 करोड़ से अधिक केस लंबित पड़े हैं।
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में 84,045 मामले लंबित हैं, जबकि विभिन्न उच्च न्यायालयों में 60,11,678 मामले लंबित हैं. कानून मंत्री के अनुसार, जिला और अधीनस्थ न्यायालयों में सबसे अधिक 4,53,51,913 मामले लंबित हैं। बकौल अर्जुन राम मेघवाल- अदालतों में मामलों के लंबित रहने के कई कारण हैं, जिनमें फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर और कर्मचारियों की उपलब्धता, शामिल तथ्यों की जटिलता, जांच एजेंसियों, गवाहों और वादियों सहित हितधारकों का सहयोग शामिल है। नियमों और प्रक्रियाओं का उचित अनुप्रयोग भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने संसद में कहा कि केंद्र सरकार करीब सात लाख अदालती मामलों में पक्षकार है, जिसमें रक्षा और वित्त मंत्रालय सबसे ऊपर हैं। मेघवाल ने एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि कुल 6,98,904 मामले अदालतों में लंबित हैं, जिनमें विभिन्न मंत्रालय और विभाग पक्षकार हैं।