चीन में दुनिया का पहला 10G ब्रॉडबैंड नेटवर्क लॉन्च होने का दावा गलत, सामने आई सच्चाई

Edited By Updated: 30 Apr, 2025 01:13 PM

claim of the world s first 10g broadband network launched in china is false

चीन ने हाल ही में दावा किया है कि उसने दुनिया का पहला 10 गीगाबिट ब्रॉडबैंड नेटवर्क (10G Broadband) लॉन्च कर दिया है। हालांकि, विशेषज्ञों और वैश्विक आंकड़ों के मुताबिक यह दावा पूरी तरह सटीक नहीं है। दक्षिण कोरिया, जापान, अमेरिका, यूके और रोमानिया...

नेशनल डेस्क: चीन ने हाल ही में दावा किया है कि उसने दुनिया का पहला 10 गीगाबिट ब्रॉडबैंड नेटवर्क (10G Broadband) लॉन्च कर दिया है। हालांकि, विशेषज्ञों और वैश्विक आंकड़ों के मुताबिक यह दावा पूरी तरह सटीक नहीं है। दक्षिण कोरिया, जापान, अमेरिका, यूके और रोमानिया जैसे देश पहले ही इस तकनीक को अपना चुके हैं। हालांकि, चीन का नेटवर्क तकनीकी दृष्टि से काफी तेज और उन्नत है, जो इसे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे जरूर रखता है।

10G ब्रॉडबैंड: क्या है और क्यों है खास?
10G ब्रॉडबैंड में "G" का मतलब गीगाबिट होता है, न कि मोबाइल नेटवर्क में इस्तेमाल होने वाला "जनरेशन"। यह एक फाइबर ऑप्टिक आधारित वायर्ड इंटरनेट सेवा है, जिसकी स्पीड करीब 9,834 Mbps तक हो सकती है।

इस स्पीड से 20GB की 4K मूवी को 20 सेकंड से भी कम समय में डाउनलोड किया जा सकता है। यह तकनीक विशेष रूप से क्लाउड गेमिंग, वर्चुअल रियलिटी, स्मार्ट होम, और टेलीमेडिसिन जैसे क्षेत्रों में क्रांति ला सकती है।

सिर्फ एक शहर नहीं, चीन के कई हिस्सों में हो रहा है विस्तार
शुरुआती रिपोर्ट्स में बताया गया था कि यह नेटवर्क केवल सुनान काउंटी (Hebei प्रांत) में शुरू हुआ है, लेकिन बाद में स्पष्ट हुआ कि शंघाई, शियोंगान और ग्वांगडोंग सहित कई शहरों में इस तकनीक के पायलट प्रोजेक्ट पहले से चल रहे हैं। जनवरी 2025 में इसे आधिकारिक रूप से घोषित किया गया था, और अब यह चीन के कई हिस्सों में फैल रहा है।

क्या चीन है दुनिया में सबसे पहला देश? नहीं!
हालांकि चीन तेजी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन दक्षिण कोरिया, जापान, अमेरिका और यूएई जैसे देश पहले ही 10G ब्रॉडबैंड नेटवर्क का व्यावसायिक इस्तेमाल शुरू कर चुके हैं। ये सेवाएं अभी तक मुख्य रूप से बिजनेस और इंडस्ट्रियल सेक्टर में केंद्रित हैं। इस लिहाज से चीन का नेटवर्क जरूर आधुनिक है, लेकिन यह दुनिया का पहला नहीं कहा जा सकता।

भारत की स्थिति: अभी भी 100 गुना पीछे
भारत में कुछ इंटरनेट प्रोवाइडर 1 Gbps तक की योजना का प्रचार जरूर करते हैं, लेकिन असली स्पीड आमतौर पर 60-77 Mbps के बीच रहती है। मार्च 2025 तक भारत की औसत फिक्स्ड ब्रॉडबैंड स्पीड 58.62 Mbps रही है, जिससे भारत 87वें स्थान पर रहा। इसके मुकाबले, चीन का 10G नेटवर्क भारत से लगभग 100 गुना ज्यादा तेज है।

कहां काम आएगा यह हाई-स्पीड नेटवर्क?
10G ब्रॉडबैंड केवल मनोरंजन के लिए नहीं है। यह तकनीक उन क्षेत्रों में उपयोगी साबित होगी, जहां रियल-टाइम डेटा प्रोसेसिंग और न्यूनतम लेटेंसी जरूरी होती है:

रिमोट सर्जरी और टेलीमेडिसिन

ऑटोनॉमस व्हीकल्स और स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम्स

8K वीडियो स्ट्रीमिंग और वर्चुअल रियलिटी

स्मार्ट खेती और डिजिटल शिक्षा

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