Edited By Seema Sharma,Updated: 25 Sep, 2019 03:04 PM
दिनभर में आप 13 हजार लीटर हवा में सांस लेते और छोड़ते हैं लेकिन दिल्ली जैसे शहर में लोग हवा के साथ जहर निगल रहे हैं। World Lung Day के मौके पर दिल्ली-एनसीआर में किए गए एक सर्वे में सामने आया है कि यहां घरों में धूल भरे कण ही नहीं, कार्बन डाई आक्साइड
नई दिल्ली: दिनभर में आप 13 हजार लीटर हवा में सांस लेते और छोड़ते हैं लेकिन दिल्ली जैसे शहर में लोग हवा के साथ जहर निगल रहे हैं। World Lung Day के मौके पर दिल्ली-एनसीआर में किए गए एक सर्वे में सामने आया है कि यहां घरों में धूल भरे कण ही नहीं, कार्बन डाई आक्साइड जैसी खतरनाक गैसें भी रहती है। सर्वे में यह भी दावा किया गया कि घरों में लगे एयर प्यूरीफायर भी इन खतरनाक गैसों के आगे बेअसर हैं। अप्रैल 2018 से मार्च 2019 तक दिल्ली-एनसीआर की 200 कॉलोनियों में बसे 400 घरों पर सर्वे किया गया और इसके अंदर की हवा का डाटा भी इकट्ठा किया गया।
आधुनिक मॉनिटरिंग गैजेटस की मदद से चैक किया गया तो पाया कि दिल्ली और एनसीआर के घरों में इनडोर एयर पॉल्यूशन खतरनाक स्तर पर है। कई घरों में कार्बन डाई आक्साइड गैस की मात्रा 3900 पीपीएम तक पाई गई। सर्वे करने वाली कंपनी का दावा है कि एयर प्यूरीफायर सिर्फ पीएम 2.5 को ही कंट्रोल कर पा रहे हैं। ऐसे में दिल्ली में लोग अपने ही घरों में जहर नगल रहे हैं। कंपनी के मुताबिक 500 मीटर के दायरे में बसे घरों का और बुरा हाल है क्योंकि वहां बेंजीन और मीथेन जैसी जहरीली गैसें जानलेवा स्तर पर मौजूद हैं। कंपनी के मुताबिक एयर फ्रेशनर भी प्रदूषण फैलाने का काम करते हैं. इनसे निकलने वाले केमिकल ट्रांस-वोलेटाइल ऑरगेनिक कंपाउंड जहरीले होते हैं।