इस्तीफे के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने फिर बढ़ाया सस्पेंस, कहा- अभी सपा में शामिल नहीं; बताई रणनीति

Edited By Yaspal,Updated: 11 Jan, 2022 05:32 PM

swami prasad maurya again increased the suspense

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले योगी मंत्रिमंडल से मंगलवार को इस्तीफा देने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी भविष्य की रणनीति पर फिलहाल संस्पेंस पैदा कर दिया। मौर्य ने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के समक्ष अपना इस्तीफा भेजने के बाद...

नेशनल डेस्कः उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले योगी मंत्रिमंडल से मंगलवार को इस्तीफा देने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी भविष्य की रणनीति पर फिलहाल संस्पेंस पैदा कर दिया। मौर्य ने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के समक्ष अपना इस्तीफा भेजने के बाद संवाददाताओं से कहा कि अभी उन्होंने यह तय नहीं किया है कि भविष्य में वह भाजपा में रहेंगे या किसी अन्य दल में जायेंगे। मौर्य का यह बयान आने से पहले ही समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मौर्य के साथ अपनी तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा कर उनका सपा में स्वागत भी कर दिया।

अखिलेश के ट्वीट और मौर्य के इस बयान से उनकी भावी रणनीति पर संस्पेंस गहरा गया कि उन्होंने अभी सिर्फ मंत्री पद से इस्तीफा दिया है। मौर्य ने सपा में शामिल होने के सवाल पर यह कह कर सस्पेंस पैदा कर दिया कि वह आगे का फैसला अपने कार्यकर्ताओं से विचार विमर्श करने के बाद ही करेंगे। इसके पहले अखिलेश ने ट्वीट कर कहा, ‘‘सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता स्वामी प्रसाद मौर्या जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन। सामाजिक न्याय का इंक़लाब होगा, बाइस में बदलाव होगा।''

मौर्य ने इस्तीफे की वजह बताते हुये कहा ‘‘मैं अंबेडकर की विचारधारा से जुड़ा रहा हूं। पांच साल पहले तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के व्यक्तित्व से प्रभावित होकर मैं भाजपा में शामिल हुआ था। लगातार गरीबों, पिछड़ों, किसानों और बेरोजगार नौजवानों के प्रति सरकार का नकारात्मक रवैया होने के कारण मैंने इस्तीफा दिया है।''

अखिलेश से मुलाकात के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं मालूम वह तस्वीर कब की है। अभी अखिलेश से बातचीत होना बाकी है। अभी मैंने सिफर् मंत्री पद से इस्तीफा दिया है। भविष्य की कोई बात अभी नहीं कह सकता हूं, अपने समर्थकों एवं कार्यकर्ताओं से विचार विमर्श करने के बाद ही कोई फैसला करूंगा।''

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से नाराजगी के सवाल पर मौर्य ने कहा कि वह व्यक्ति विशेष को दोषी नहीं मानते हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा, ‘‘मैं मोदी जी, नड्डा जी और अमित शाह जी का धन्यवाद देना चाहता हूं। उनके सानिध्य में रहकर मैंने काम किया और बहुत कुछ सीखा। अब कहां जाना है, किस पार्टी में रहना है, यह बाद में तय होगा।''

इस बीच उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी मौर्य से जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं करने का सुझाव देते हुये बैठकर बातचीत करने की अपील की। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘आदरणीय स्वामी प्रसाद मौर्य जी ने किन कारणों से इस्तीफा दिया है मैं नहीं जानता हूँ उनसे अपील है कि बैठकर बात करें जल्दबाजी में लिये हुये फैसले अक्सर गलत साबित होते हैं।''

गौरतलब है कि योगी सरकार से खुद को अलग करने और अखिलेश से मुलाकात के बाद जिस तरह से मौर्य ने अपने पत्ते पूरी तरह से नहीं खाले हैं, उससे साफ है कि उन्होंने सपा और भाजपा के साथ दबाव की राजनीति शुरु कर दी है। समझा जाता है कि मौर्य के करीबी और शाहजहांपुर से भाजपा विधायक रोशन लाल वर्मा सहित तीन अन्य विधायक जल्द इस्तीफा दे सकते हैं।

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