देश भर में तेजी से फैल रहा स्वाइन फ्लू, ऐसे रहें सतर्क

Edited By vasudha,Updated: 07 Feb, 2019 12:33 PM

swine flu spreading across the country

मौसम में आए बदलाव के साथ स्वाइन फ्लू फिर से दस्तक दे चुका है। फरवरी माह के पहले हफ्ते में स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है। देश में अब तक 6701 मामले दर्ज किए गए हैं। जबकि 226 लोगों की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई है...

नेशनल डेस्क: मौसम में आए बदलाव के साथ स्वाइन फ्लू फिर से दस्तक दे चुका है। फरवरी माह के पहले हफ्ते में स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है। देश में अब तक 6701 मामले दर्ज किए गए हैं। जबकि 226 लोगों की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई है। वहीं दिल्ली में इससे प्रभावित लोगों की संख्या बढ़कर 1093 हो गयी है। वहीं राजस्थान में ही 507 मामले दर्ज हुए हैं, जबकि 49 लोगों की मौत हो गई है।
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स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्वाइन फ्लू के बढ़ते मामलों को देखते हुए तमाम राज्यों से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल वर्किंग से बैठक की गई है और अपेक्षित दिशा निर्देश दिए गए। राज्यों में मरीजों की पहचान और उन्हें बेहतर इलाज के लिए सर्विलांस बढ़ा दिया गया है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार मौसमी फ्लू और एच1एन1 के हर वर्ष दुनियाभर में 30-50 लाख लोग ग्रसित होते हैं जिसमे से 290000 से 650000 लोगों की हर वर्ष मौत हो जाती है।

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क्या है मौसमी इन्फ्लुएंजा एच1एन1 (स्वाइन फ्लू)
एच1एन1 मौसमी इन्फ्लुएंजा एक प्रकार का स्वंय-सीमित वायरल रोग है। यह श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारी है, जो ए टाइप के इनफ्लुएंजा वायरस से होती है। यह कण और हवा के द्वारा या किसी के छूने से दूसरे व्यक्ति के शरीर में मुंह या नाक के जरिए प्रवेश कर जाते हैं। अगर संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल किया गया हो तो दरवाजे, फोन, कीबोर्ड या रिमोट कंट्रोल के जरिए भी यह वायरस फैल सकते हैं। 
लक्षण : बुखार एंव खांसी, गला खराब, नाक बहना या बंद होना, सांस लेने में तकलीफ एवं अन्य लक्षण जैसे बदन दर्द, सिर दर्द, थकान, ठिठुरन, दस्त, उल्टी, बलगम में खून आना इत्यादि भी हो सकते हैं।
माइल्ड स्वाइन फ्लू के लक्षण : बुखार, खांसी, सर्दी, शरीर में दर्द होना व थकान महसूस होना (माइल्ड स्वाइन फ्लू का इलाज लक्षणों पर आधारित होता है, ऐसे लक्षणों में टेमीफ्लू दवा लेने की या जांच की जरूरत नही होती)
मॉडरेट स्वाइन फ्लू के लक्षण : इस श्रेणी के मरीजों में माइल्ड स्वाइन फ्लू के लक्षणों के अतिरिक्त तेज बुखार और गले में तेज दर्द होता है या मरीज में माइल्ड स्वाइन फ्लू के लक्षणों के साथ, निम्नलिखित हाई रिस्क कंडीशन है तो रोगी को स्वाइन फ्लू की दवा टेमीफ्लू दी जाती है। 

जोखिम वाले वर्ग
छोटे बच्चे, गर्भवती महिलायें
65 साल या उससे अधिक उम्र के व्यक्ति 
फैफड़े कि बीमारी, दिल कि बीमारी, गुर्दे कि बीमारी, मधुमेह  रोग, कैंसर इत्यादि से ग्रसित व्यक्ति 

ऐसे करें बचाव
खांसने और छींकने के दौरान अपनी नाक व मुंह को कपड़े अथवा रुमाल से अवश्य ढकें
अपने हाथों को साबुन व पानी से नियमित धोयें
भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचें
फ्लू से संक्रमित हों तो घर पर ही आराम करें
फ्लू से संक्रमित व्यक्ति से एक हाथ तक की दूरी बनाए रखें
पर्याप्त नींद और आराम लें
पर्याप्त मात्रा में पानी/तरल पदार्थ पियें और पोषक आहार खाएं
फ्लू से संक्रमण का संदेह हो तो चिकित्सक से सलाह अवश्य लें।

गंभीर स्वाइन फ्लू के लक्षण   
सामान्य स्वाइन फ्लू के लक्षणों के साथ सांस लेने में दिक्कत
छाती में तेज दर्द, ब्लड प्रेशर कम होना,बलगम में खून आना
नाखून नीले पड़ जाना 
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