सातवें वेतन आयोग की मांग को लेकर सडक़ों पर उतरे शिक्षक

Edited By Monika Jamwal,Updated: 22 Sep, 2018 01:04 PM

teachers protest against seventh pay commission

सातवें वेतन आयोग का लाभ देने की मांग को लेकर शिक्षक वर्ग ने भी सरकार विरोधी मोर्चा खोल दिया है। जम्मू कश्मीर यूनाइटेड स्कूल टीचर्स एसोसिएशन ने जिला मुख्यालय पर रोष मार्च निकालते हुए सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर विरोध दर्ज करवाया।

कठुआ : सातवें वेतन आयोग का लाभ देने की मांग को लेकर शिक्षक वर्ग ने भी सरकार विरोधी मोर्चा खोल दिया है। जम्मू कश्मीर यूनाइटेड स्कूल टीचर्स एसोसिएशन ने जिला मुख्यालय पर रोष मार्च निकालते हुए सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर विरोध दर्ज करवाया। एसोसिएशन के प्रधान डॉ शशिपाल सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर सरकार का नजरिया एक तरह से शिक्षक वर्ग के विरोधी ही है। शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग का लाभ सरकार नहीं दे रही। दस सालों से वे संघर्ष करने के साथ साथ सडक़ों पर उतरने को वे मजबूर हैं।

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उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में शिक्षकों को दो साल का इंतजार करने का भरोसा पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने दिया था। जिसके बाद पूर्व वित्त मंत्रियों ने भी आश्वासन दिया लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ नहीं हो पाया और अब रियासत में राज्यपाल शासन है। उन्होंने कहा कि उनका यह संघर्ष आने वाले दिनों में और भी तेज किया जाएगा जिसकी जिम्मेवारी पूरी तरह से सरकार की होगी। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि तमाम शिक्षक एक मंच पर आकर अपने हितों को लेकर आवाज बुलंद करें ताकि सरकार पर दबाव बनाकर वेतन आयोग का लाभ लिया जा सके।

उन्होंने कहा कि वे सरकार को बता देना चाहते हैं कि रमसा और एस.एस.ए. के तहत सेवाएं देने वाले शिक्षक अपना हक लेकर ही रहेंगे। उन्हें  कोई शौक नहीं है कि वे सडक़ों पर आए। वे स्कूलों में रहकर तालीमी निजाम को ठीक करना और बच्चों का भविष्य उज्जवल बनाना चाहते हैं लेकिन सरकार की गलत नीतियों के कारण उन्हें संघर्ष करना पड़ रहा है। इसके अलावा सरकार ने सालों से पदोन्नतियां, समय पर वेतन न देने को लेकर भी कोई ठोस नीति नहीं बना रही।  
 

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