Edited By ,Updated: 30 Mar, 2017 06:37 PM
कोटा में आत्महत्या के मामले तेजी से बढ़े हैं। परीक्षा में सफलता नहीं मिलने के कारण यहां के छात्रों की आत्महत्या की खबरें अक्सर आती हैं।
नई दिल्ली: कोटा में आत्महत्या के मामले तेजी से बढ़े हैं। परीक्षा में सफलता नहीं मिलने के कारण यहां के छात्रों की आत्महत्या की खबरें अक्सर आती हैं। ज्यादातर आत्महत्याएं सीलिंग फैन में फांसी लगाकर होती हैं। इसी से बचने के लिए अब पंखों में सायरन सेंसर लगाने का फैसला किया गया है। इसके साथ ही इसमें एक स्प्रिंग डिवाइस भी लगेगा। अगर 20 किलोग्राम से ज्यादा वजन इसमें लटकाने की कोशिश की जाएगी तो सायरन बजेगा। ऐसा पंखा होस्टल के सभी कमरों में लगाया जाएगा। कोटा के डीएम रवि सुरपुर ने बताया कि आत्महत्या के मामले में इस समस्या की जड़ तक जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि छात्र अवसाद और तनाव के कारण आत्महत्या कर रहे हैं।
हॉस्टल में लगेगी बायोमेट्रिक अटेंडेंस मशीन
गुजरात के एक फर्म को इस उपकरण की सप्लाई के लिए कहा गया है। यह काम शुरू कर दिया गया है। एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष मनीष जैन ने बताया कि यह काम 3 महीने में पूरा हो जाएगा। इसके साथ ही कोटा के सभी हॉस्टल में दैनिक उपस्थिति दर्ज कराने के लिए बायोमेट्रिक अटेंडेंस मशीन भी लगाई जाएगी। इसे अभिभावकों के मोबाइल फोन से भी जोड़ा जाएगा। 80 से 90 होस्टल में बायोमेट्रिक मशीन लगा दी गई है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की 2014 की रिपोर्ट के मुताबिक 45 छात्रों ने असफलता के कारण आत्महत्या की, पिछले साल 17 छात्रों ने ख़ुदकुशी की थी। राज्य सरकार ने भी आत्महत्या को रोकने के लिए जिला प्रशासन को कई दिशा-निर्देश दिए हैं।