Edited By Tanuja,Updated: 21 Nov, 2020 02:56 PM
अमेरिका और चीन के बीचतनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच अमेरिका ने तिब्बत को लेकर ऐसा ऐतिहासिक कदम उठाया है जिससे चीन और ...
वॉशिंगटनः अमेरिका और चीन के बीचतनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच अमेरिका ने तिब्बत को लेकर ऐसा ऐतिहासिक कदम उठाया है जिससे चीन और भड़क सकता है। अमेरिका ने 60 साल में पहली बार सेंट्रल तिब्बत एडमिनिस्ट्रेशन (CTA) के प्रेसिडेंट लोबसांग सेन्गे को व्हाइट हाउस आने का न्योता दिया है। माना जा रहा है कि छह दशक बाद ही सही अब अमेरिका तिब्बत की निर्वासित सरकार को मान्यता दे रहा है। तिब्बत की इस निर्वासित सरकार का मुख्यालय भारत के धर्मशाला शहर में है।
दरअसल चीन हमेशा से तिब्बत को अपना हिस्सा बताता रहा है। अमेरिका ने पहले कभी तिब्बत सरकार या इसके नेताओं को कूटनीतिक तौर पर अहमियत नहीं दी। लेकिन पिछले कुछ साल से अमेरिकी अफसर तिब्बती नेताओं के साथ गुप्त बातचीत करते रहे हैं। अमेरिका के तिब्बत को लेकर उठाए इस ऐतहासिक कदम को चीन को सीधा चैलेंज माना जा रहा है जिससे दोनों दोनों देशों के रिश्तों में नया तनाव पैदा हो सकता है।
धर्मशाला में मौजूद CTA प्रवक्ता ने भी पुष्टि की है कि प्रेसिडेंट सेन्गे को व्हाइट हाउस आने का न्योता मिला है। पिछले महीने सेन्गे को पहली बार अमेरिकी विदेश विभाग में बतौर मेहमान बुलाया गया था। यहां उन्होंने तिब्बत मामलों के स्पेशल डायरेक्टर रॉबर्ट डेस्ट्रो से मुलाकात की थी। इसके पहले कोई तिब्बती नेता स्टेट डिपार्टमेंट नहीं गया था। सीटीए के स्पोक्सपर्सन ने कहा- हमें खुशी है कि दो लोकतंत्र एक दूसरे को मान्यता दे रहे हैं। सीटीए और इसके नेता को व्हाइट हाउस से न्योता मिलना अहम शुरुआत कही जा सकती है। सेन्गे यहां व्हाइट हाउस के अफसरों से मुलाकात करेंगे।