Edited By Seema Sharma,Updated: 18 Mar, 2021 02:59 PM
जम्मू कश्मीर में पिछले कुछ वर्षो में लगभग 3,800 कश्मीरी प्रवासी प्रधानमंत्री के विशेष पैकेज के तहत रोजगार हासिल करने के लिए जम्मू कश्मीर वापस लौट आए हैं और उनमें से 520 प्रवासी तो पूर्ववर्ती राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को समाप्त करने...
नेशनल डेस्क: जम्मू कश्मीर में पिछले कुछ वर्षो में लगभग 3,800 कश्मीरी प्रवासी प्रधानमंत्री के विशेष पैकेज के तहत रोजगार हासिल करने के लिए जम्मू कश्मीर वापस लौट आए हैं और उनमें से 520 प्रवासी तो पूर्ववर्ती राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के बाद वापस आए हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने बुधवार को राज्यसभा को यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री पैकेज के तहत कश्मीरी प्रवासी युवाओं के लिए विशेष रोजगार का प्रावधान उनके पुनर्वास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। ये वे प्रवासी हैं, जिन्होंने 1990 के दशक में उग्रवाद की वजह से घाटी छोड़ दी थी। उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि प्रधानमंत्री पैकेज के तहत दिया जाने वाला रोजगार हासिल करने के लिए पिछले कुछ वर्षों में कुल 3,800 प्रवासी उम्मीदवार कश्मीर लौटे हैं।
अनुच्छेद 370 को (अगस्त 2019 में) निरस्त किये जाने के बाद 520 से अधिक प्रवासी उम्मीदवार रोजगार के लिए कश्मीर लौट आए हैं जो उन्हें पुनर्वास पैकेज के तहत प्रदान किया गया है।” रेड्डी ने कहा कि चयन प्रक्रिया के सफलतापूर्वक पूरा होने पर वर्ष 2021 में इसी नीति के तहत लगभग 2,000 और प्रवासी उम्मीदवारों के केंद्र शासित प्रदेश में लौटने की संभावना है। मंत्री ने कहा कि वर्ष 1990 में जम्मू-कश्मीर की तत्कालीन सरकार द्वारा स्थापित राहत कार्यालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, 44,167 कश्मीरी प्रवासी परिवार पंजीकृत हैं जिन्हें सुरक्षा चिंताओं के कारण घाटी से बाहर जाना पड़ा था। उन्होंने कहा कि इनमें से पंजीकृत हिंदू प्रवासी परिवारों की संख्या 39,782 है।