Edited By ,Updated: 04 Nov, 2016 12:27 AM
झारखंड सरकार ने राज्य में बुनियादी ढांचा क्षेत्र के विकास के लिए छोटा नागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी) और संथाल...
रांची: झारखंड सरकार ने राज्य में बुनियादी ढांचा क्षेत्र के विकास के लिए छोटा नागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी) और संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम (एसपीटी) के तहत आरक्षित जमीनों को सार्वजिनक क्षेत्र की कंपनियों को हस्तांतरित करने का निर्णय लिया है। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में गुरुवार को यहां जनजातीय सलाहकार परिषद् (टीएसी) की बैठक में सीएनटी और एसपीटी के तहत आने वाली जमीनों पर गैर कृषि कार्य करने के साथ इसे सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को हस्तांतरित करने का निर्णय लिया गया है।
हालांकि हस्तातंरण के बावजूद जमीन पर भूमि मालिक का मालिकाना हक बरकरार रहेगा। प्रावधानों के अनुसार, हर हाल में भूमि मालिकों से जमीन के मौजूदा मूल्य से अधिक का भुगतान करके अधिग्रहण किया जाएगा। साथ ही भूमि के हस्तातंरण एवं क्षतिपूर्ति के भुगतान की प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जाएगा। बैठक में लिए गए फैसले के अनुसार, सीएनटी और एसपीटी के बुनियादी ढांचे के साथ छेड़छाड़ नहीं की गई है।
लेकिन, बुनियादी ढांचा क्षेत्र के विकास और लोक कल्याणकारी कार्यों के लिए सरकार द्वारा इन जमीनों का अधिग्रहण करने तथा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को जमीन हस्तांतरित करने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया है।