Edited By Tanuja,Updated: 21 Jan, 2019 04:43 PM
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में भारत के नए मसौदा आव्रजन कानून में संशोधन को लेकर कुछ भारतीय समूह निर्धारित समय के भीतर अपना सुझाव नहीं दे पाए...
दुबईः संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में भारत के नए मसौदा आव्रजन कानून में संशोधन को लेकर कुछ भारतीय समूह निर्धारित समय के भीतर अपना सुझाव नहीं दे पाए । इस कारण इन समूहों ने अपनी चिंताओं के निवारण के लिए मसौदे पर सुझाव की अंतिम तारीख बढ़ाने की मांग की है। नया मसौदा विधेयक, 1983 के आव्रजन कानून की जगह लेगा। भारत सरकार ने नए मसौदा कानून के लिए लोगों की प्रतिक्रिया मांगी है।
इस कानून के तहत प्रवासियों का कल्याण और संरक्षण सुनिश्चित करने के साथ ही विदेश जाने वालों भारतीयों के जरूरी पंजीकरण, एक आव्रजन प्रबंधन प्राधिकरण की स्थापना करना है। इस पर सुझाव देने की तारीख 20 जनवरी तक तय की गई है। इसके अंतर्गत अवैध तरीके से भर्ती, शोषण, मानव तस्करी को रोकने के लिए कड़े नियम, जुर्माने का भी प्रस्ताव है। UAE में भारतीय संगठनों का कहना है कि भारत सरकार को अपने प्रवासियों के बीच इस मसौदा विधेयक के बारे में अच्छे से प्रचार करना चाहिए। केरल सोशल सेंटर के अध्यक्ष ए के बीरन कुट्टी ने कहा है कि उन्हें 3 दिन पहले मसौदा कानून का पता चला।
उन्होंने कहा कि सरकार को ऑफिशल चैनल और राजनयिक मिशनों के जरिए इसे प्रसारित करना चाहिए। विदेश मंत्रालय की ओर से मांगे गए जवाब के ट्वीट के बारे में हममें से किसी को पता नहीं है। मुझे लगता है कि सावधानी से मसौदा विधेयक का अध्ययन करने और अपनी चिंताओं से अवगत कराने का समय हमने गंवा दिया है। भारतीय सामाजिक और सांस्कृतिक केंद्र (ISCC) के अध्यक्ष रमेश पनिक्कर ने भी इसी तरह के विचार जताए । उन्होंने कहा हर कोई ट्विटर पर नहीं है। इस तरह के महत्वपूर्ण मसौदा विधेयक को ऑफिशल चैनल के जरिए सार्वजनिक किया जाना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जतायी कि भारत सरकार मसौदा विधेयक में सुझाव की मांग को लेकर निर्धारित तारीख आगे बढ़ाएगी।