Farmers Protest: तीसरे दौर की वार्ता में भी नहीं बनी सहमति, रविवार को फिर होगी वार्ता

Edited By Yaspal,Updated: 16 Feb, 2024 01:35 AM

union minister will hold third round of talks with farmers

चंडीगढ़ में किसानों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच पिछले करीब तीन घंटों से मीटिंग चल रही है। सूत्रों से जानकारी निकलकर सामने आ रही है कि किसान अपनी मांगों पर अड़े हैं और सरकार से सभी मांगों पर तुरंत घोषणा करने का दबाव बना रहे हैं

नेशनल डेस्कः चंडीगढ़ में किसानों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच पिछले करीब चार घंटों से मीटिंग चल रही है। सूत्रों से जानकारी निकलकर सामने आ रही है कि किसान अपनी मांगों पर अड़े हैं और सरकार से सभी मांगों पर तुरंत घोषणा करने का दबाव बना रहे हैं। एक बार फिर एमएसपी को लेकर किसान अड़ गए हैं। करीब चार घंटे की बातचीत में कोई हल नहीं निकल सका है। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने मीडिया को बताया कि किसानों के साथ अच्छे माहौल में बातचीत हुई है। रविवार को चौथे दौर की वार्ता होगी। तीन केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं की चंडीगढ़ में तीसरे दौर की बातचीत शुरू हुई। बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी लिया। 

कृषि और किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित किसान संघों की विभिन्न मांगों पर जारी बातचीत में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। बैठक चंडीगढ़ सेक्टर 26 स्थित महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान में हो रही है। यह दोनों पक्षों की ओर से तीसरे दौर की वार्ता थी।

इससे पहले दो दौर की वार्ता क्रमश: आठ और 12 फरवरी को हुई थी जो बेनतीजा रही थी। बैठक में किसानों का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर शामिल हैं। इन दोनों संगठनों ने ही अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के वास्ते ‘दिल्ली चलो' का आह्वान किया है।

पंजाब के किसानों ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च शुरू किया, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें हरियाणा के साथ शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर रोक दिया। किसान नेताओं ने कहा था कि वे मंत्रियों के साथ बैठक होने तक दिल्ली की ओर बढ़ने का कोई नया प्रयास नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि उनका अगला कदम केंद्र के प्रस्तावों पर आधारित होगा। 

हम चाहते हैं कि हमारी मांगें मानी जाएं
शंभू बॉर्डर पर किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव पंधेर ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें मान ली जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री खुद प्रतिनिधिमंडल (बैठक के लिए आ रहे केंद्रीय मंत्रियों) से बात करें और किसानों की मांगों का समाधान करें।'' किसान नेता ने कहा, ''हम चाहते हैं कि हमारी मांगें मानी जाएं।'' उन्होंने कहा, ''या तो हमारी मांगें स्वीकार करें या हमें शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन करने की अनुमति दें।''

पंजाब-हरियाणा सीमा पर हरियाणा प्रशासन द्वारा तैनात सुरक्षा कर्मियों द्वारा किसानों के खिलाफ की गई कार्रवाई का जिक्र करते हुए पंधेर ने किसानों के खिलाफ 'बल' प्रयोग करने के लिए अर्धसैनिक बल के जवानों की आलोचना की। पंजाब के किसानों ने अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली की ओर कूच करने का आह्वान किया है और वे पंजाब तथा हरियाणा की शंभू तथा खनौरी सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। किसान नेताओं ने कहा कि वे बैठक होने तक दिल्ली की ओर बढ़ने का कोई नया प्रयास नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि आगे की कार्रवाई केंद्र के प्रस्तावों के आधार पर तय की जाएगी।

भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां) और बीकेयू दकौंदा (धानेर) ने गुरूवार को राज्य में ‘रेल रोको' का आह्वान किया है। किसान दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक सात स्थानों पर रेल की पटरियों पर बैठेंगे। शंभू और खनौरी सीमाओं पर हरियाणा के सुरक्षा कर्मियों द्वारा प्रदर्शकारी किसानों पर आंसू गैस के गोले दागने और पानी की बौछारों का इस्तेमाल करने के विरोध में उक्त फैसला किया गया है। ‘दिल्ली चलो' आंदोलन के तहत सैकड़ों किसान शंभू और खनौरी सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के वास्ते कानून बनाने और कर्ज माफी सहित अपनी मांगों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए ‘‘दिल्ली चलो'' मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं।

हरियाणा पुलिस ने किसानों को उनकी ट्रैक्टर-ट्रॉली में दिल्ली जाने से रोकने के लिए अवरोधक लगाकर सीमा सील कर दी है। अंबाला के समीप शंभू सीमा पर सुरक्षाकर्मियों ने बुधवार को रुक-रुक कर आंसू गैस के गोले छोड़े। जब भी किसानों का कोई समूह अवरोधकों की ओर बढ़ने की कोशिश करता,तो आंसू गैस के गोले छोड़ दिए जाते। प्रदर्शनकारियों ने भी सुरक्षा कर्मियों पर पथराव किया। हरियाणा के जींद जिले में दाता सिंहवाला-खनौरी सीमा पर भी इसी तरह का गतिरोध जारी है।

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