Edited By Seema Sharma,Updated: 28 Feb, 2019 09:37 AM
पुलवामा आतंकी हमले को लेकर भारत ने आतंकवाद के खिलाफ जो जंग छेड़ी है उसमें वह अब अकेला नहीं है। भारत के साथ अब अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस खड़े हो गए है। बुधवार को अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में
नई दिल्ली: पुलवामा आतंकी हमले को लेकर भारत ने आतंकवाद के खिलाफ जो जंग छेड़ी है उसमें वह अब अकेला नहीं है। भारत के साथ अब अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस खड़े हो गए है। बुधवार को अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को ब्लैक लिस्ट करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव में कहा गया कि जैश ने ही भारतीय अर्द्धसैनिक बल सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था।
यह कहा गया प्रस्ताव में
अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रतिबंध समिति से कहा कि मसूद अजहर के खिलाफ हथियार बैन, वैश्विक यात्रा प्रतिबंध लगाए और उसकी संपत्तियों को जब्त किया जाए। वीटो पॉवर से लैस इन तीनों ही देशों ने मिलकर यह प्रस्ताव पेश किया है। संयुक्त राष्ट्र में पिछले 10 साल में चौथी बार ऐसा प्रस्ताव पेश किा गया है जिसमें मसूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की मांग की गई है।
चीन के रुख पर सभी की नजरें
संयुक्त राष्ट्र में यह ताजा प्रस्ताव पारित होगा या नहीं, यह पाकिस्तान 'ऑल वेदर फ्रेंड' चीन के रुख पर भी निर्भर करेगा। माना जा रहा है कि इस कदम का चीन द्वारा विरोध किए जाने की संभावना है। बता दें कि इससे पहले भी चीन ने सुरक्षा परिषद की इस्लामिक स्टेट और अलकायदा प्रतिबंध समिति को 2016 और 2017 में JeM नेता मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने से रोक दिया था। हालांकि बुधवार के इस नए प्रस्ताव पर अभी चीन ने कोई प्रतिक्रिया और बयान नहीं दिया है। भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी बुधवार को चीन के विदेश मंत्री से मुलाकात कर पुलवामा हमले की पूरी जानकारी दी थी और भारत के रुख के बारे में भी बताया था।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार जैश और पाकिस्तानी सेना के बीच मिलीभगत के सबूत दुनियाभर के देशों को सौंप रही है। इतना ही नहीं अबूधाबी में एक मार्च को होने जा रही इस्लामिक देशों की बैठक में भी भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस मुद्दे को उठा सकती हैं। भारत सरकार की कूटनीति के चलते ही आज दुनियाभर में पाकिस्तान की थू-थू हो रही है। पुलवामा हमले के तुरंत बाद ही रूस और अमेरिका का बयान आ गया था और उसने भारत का साथ देने को कहा था।