चुनाव और अभद्र भाषा: निर्लज्जता के हमाम में निर्वस्त्र हैं नेता

Edited By Anil dev,Updated: 16 Apr, 2019 11:29 AM

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देश में जारी लोकसभा चुनाव का प्रचार गलत दिशा में मुड़ गया है। प्रचार में नेता एक-दूसरे पर निजी आक्षेप पहले भी लगाते रहे हैं लेकिन इस बार यह कहीं अधिक निम्न स्तरीय हो गया है।

इलैक्शन डैस्क (संजीव शर्मा): देश में जारी लोकसभा चुनाव का प्रचार गलत दिशा में मुड़ गया है। प्रचार में नेता एक-दूसरे पर निजी आक्षेप पहले भी लगाते रहे हैं लेकिन इस बार यह कहीं अधिक निम्न स्तरीय हो गया है। जाहिर है कि यह सब जानबूझकर ही हो रहा है जो चुनाव प्रचार में जहर घोलने का काम कर रहा है। निर्वाचन आयोग की सख्ती ऐसे बिगड़े बोल बोलने वाले नेताओं पर क्या असर करती है यह तो समय ही बताएगा लेकिन इस तरह की बयानबाजी निहायत ही शर्मनाक है जिसका रुकना जरूरी है वर्ना न जाने स्थितियां कहां तक ले जाएंगी। हैरानी तो इस बात की है कि इस हमाम में सभी निर्लज्ज और वस्त्रविहीन हैं। एक नजर नेताओं के बिगड़े बोलों पर। 

उत्तर प्रदेश में उत्तम नहीं नेताओं की भाषा 
अतीत को छोड़ भी दें तो इसी चुनाव में सबसे ज्यादा विवादित बयान उत्तर प्रदेश के नेताओं की तरफ  से आए हैं। यहां तक कि वहां महिला नेत्रियों ने भी महिलाओं के खिलाफ अभद्र बयानबाजी की है। भाजपा की विधायक साधना सिंह ने पिछले दिनों गैस्ट हाऊस कांड को चीरहरण की संज्ञा देते हुए मायावती को किन्नर तक कह डाला था। उधर रामपुर में आजम खान ने जयाप्रदा को यह कह दिया कि वह खाकी अंडरवियर पहनती हैं। एक अन्य नेता ने कहा कि जयाप्रदा के आने से रामपुर की शामें रंगीन हो जाएंगी। इससे पहले केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने सिकंदराबाद में प्रियंका गांधी को लेकर बयान दिया था कि पप्पू के बाद अब पप्पी भी राजनीति में आ गई हैं।  

धार्मिक उन्माद भड़काने वाले नेता ज्यादा खतरनाक 
योगी और मायावती को भले ही आज अली और बजरंगबली जैसी टिप्पणियों के लिए बैन किया गया है लेकिन वास्तविकता यह है कि धर्म, समुदाय और जाति के आधार पर लांछनबाजी लम्बे अर्से से हो रही है। कुछ नेता तो विशेष तौर से इसमें माहिर हैं। भाजपा के गिरिराज सिंह ने हाल ही में मुस्लिम शिक्षा केंद्र देवबंद को आतंकी शिक्षा का अड्डा बताते हुए कहा था कि हाफिज और बगदादी यहीं से निकले हैं। साक्षी महाराज ने तो यहां तक कह डाला था कि ‘अयोध्या, काशी छोड़ो, पहले जामा मस्जिद तोड़ो।’ विनय कटियार ने कहा था कि ‘गाय की हत्या होगी तो ङ्क्षलङ्क्षचग भी होगी।’  

वोट की तुलना बेटी की इज्जत से
राजस्थान चुनाव के दौरान जनता दल नेता शरद यादव ने वसुंधरा राजे को मोटी कह कर लोगों से उन्हें आराम करने भेजने का आह्वान किया था। बिहार की ही एक सभा में यादव ने वोट और बेटी की तुलना करते हुए कहा था कि वोट की इज्जत बेटी की इज्जत से भी बड़ी होती है। हालांकि बाद में उन्होंने जहां वसुंधरा राजे से माफी मांग ली थी। वहीं दूसरे बयान पर भी सफाई दी थी कि उनका मतलब था कि वोट बेटी समान ही होता है उसे कम महत्वपूर्ण नहीं समझना चाहिए। वैसे शरद यादव ने महिला आरक्षण बिल पर बहस के दौरान संसद में (1997) कहा था कि इससे पर-कटी महिलाओं को ही लाभ होगा। दिलचस्प ढंग से उन्हें सर्वश्रेष्ठ सांसद का खिताब भी मिल चुका है।  

संजय राउत बोले भाड़ में जाए कानून 
इसी बीच सोमवार को शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने कानून और आचार संहिता को लेकर कहा कि यह सब भाड़ में जाए, हम देख लेंगे। राउत ने कहा, ‘‘हम ऐसे लोग हैं, भाड़ में गया कानून, आचार संहिता भी हम देख लेंगे। जो बात हमारे मन में है...वह अगर हम मन से बाहर नहीं निकालते हैं तो घुटन-सी होती है।’’ उनका यह बयान निर्वाचन आयोग द्वारा योगी और मायावती को बैन किए जाने के तुरंत बाद आया जो नेताओं की मानसिकता को दर्शाता है कि चाहे जो भी हो जाए वे बाज नहीं आने वाले।

महिलाओं पर ज्यादा निशाना 
राजनेताओं के बिगड़े बोल ज्यादातर महिलाओं को लेकर होते हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक इस मामले में इन्वॉल्व हैं। उन्होंने सुनंदा थरूर को लेकर शशि थरूर पर 50 करोड़ की गर्लफ्रैंड जैसी टिप्पणी की थी। यही नहीं रेणुका चौधरी की हंसी की तुलना उन्होंने संसद में इशारों ही इशारों में शूर्पनखा की हंसी से की थी। बाद में केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू और भाजपा के सोशल मीडिया हैड अमित मालवीय ने शूर्पनखा की हंसी वाले मीम शेयर किए थे। कांग्रेस सांसद अभिजीत मुखर्जी का बलात्कार के विरोध में प्रदर्शन कर रही महिलाओं के लिए ‘डैंटेड, पेंटेड’ वाला बयान भी सुॢखयों में रहा था। भाजपा नेता नरेश अग्रवाल ने जया भादुड़ी बच्चन को नाचने-गाने वाली कह कर सम्बोधित किया था।  

राहुल गांधी को दी गाली
 हिमाचल में भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह  ने भी मंच से ही राहुल गांधी के लिए मां की गाली का इस्तेमाल कर डाला। हालांकि हिमाचल भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह ने किसी के फेसबुक कमैंट का रैफरैंस दिया था लेकिन वह चाहते तो गाली का इस्तेमाल रोक सकते थे। 

विदेशों में भी है यह बीमारी 
नेताओं के बिगड़े बोल भारत की ही समस्या नहीं है। विदेश में भी यह वायरस है। चुनाव के दौरान डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि दुनिया के एक-चौथाई मुसलमान आतंकवादी हैं। उन्होंने हिलेरी क्लिंटन को भी पागल कहा था। ब्रिटेन के एक पार्षद ने सांसद का चुनाव लड़ रही एक गर्भवती महिला राजनेता के बारे में कहा था कि वह गर्भवती हैं और उनका समय तो नैपी बदलने में ही बीत जाएगा, वह आम लोगों की आवाज क्या उठाएंगी। मामला जब बढ़ा तो इसके लिए पार्षद को माफी मांगनी पड़ी थी। 2017 में यूरोपियन संसद के एक सांसद ने बयान दिया था कि महिलाओं को कम पैसा मिलना चाहिए क्योंकि वह कमजोर, छोटी और कम बुद्धिमान होती हैं। इसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था और उन्हें मिलने वाला भत्ता भी बंद हो गया था। 

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