उत्तराखंड: 133 गांव, 216 बच्चे हुए पैदा...लेकिन एक भी लड़की नहीं, अब आया सच सामने

Edited By Anil dev,Updated: 30 Jul, 2019 05:25 PM

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पूरी दुनिया में जहां लिंगानुपात को लेकर चिंता जताई जा रही ऐसे में उत्तराखंड के उत्तरकाशी में लिंगानुपात के भयावय आंकड़े सामने आए थे। जहां पिछले तीन महीनों में लगभग 133 गांवों में 216 बच्चों का जन्म हुआ, लेकिन सबसे हैरतअंगेज बात ये हैं कि ये सभी...

देहरादून: पूरी दुनिया में जहां लिंगानुपात को लेकर चिंता जताई जा रही ऐसे में उत्तराखंड के उत्तरकाशी में लिंगानुपात के भयावय आंकड़े सामने आए थे। जहां पिछले तीन महीनों में लगभग 133 गांवों में 216 बच्चों का जन्म हुआ, लेकिन सबसे हैरतअंगेज बात ये हैं कि ये सभी बच्चे लड़के हैं। यहां इन तीन महीनों में एक भी लड़की नहीं जन्मी है। वहीं अब स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों को उत्तराखंड के महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के ताजा सर्वेंक्षण ने झुठला दिया है।  

इन गांवों में 62 लड़कियां भी पैदा हुईं
उत्तरकाशी जिले के 133 गांवों में पिछले तीन माह में केवल लड़कों का जन्म होने के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों को उत्तराखंड के महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के ताजा सर्वेंक्षण ने झुठलाते हुए दावा किया है कि इस अवधि में इन गांवों में 62 लड़कियां भी पैदा हुईं। यह सर्वेंक्षण राज्य की महिला सशक्तिकरण और बाल विकास मंत्री रेखा आर्य के निर्देश पर कराया गया। महिला सशक्तिकरण मंत्री रेखा ने समाचार-पत्रों में प्रकाशित इस आशय की खबरों के मद्देनजर संबंधित सभी 133 गांवों में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों से पिछले तीन महीनों में जन्मे बच्चों का सर्वेंक्षण कराने के निर्देश दिए थे । उत्तरकाशी के जिला कार्यक्रम अधिकारी विक्रम सिंह ने मंत्री को भेजी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जिले के छह विकास खंडों में स्थित इन 133 गांवों में संचालित 158 आंगनबाड़ी केंद्रों में पिछले तीन माह में कुल 222 बच्चे पैदा हुए जिनमें से 160 लड़के और 62 लड़कियां हैं। 

कन्या भ्रूण हत्या की आशंका को भी नकार दिया गया
रिपोर्ट के मुताबिक, भटवाड़ी और डुंडा विकास खंड में इस अवधि में 12-12 लड़कियां, चिन्यालीसौड में आठ, नौगांव में 19, पुरोला में दो और मोरी में नौ लड़कियां पैदा हुईं। ताजा सर्वेक्षण के नतीजे सामने आने के बाद मंत्री रेखा ने कन्या भ्रूण हत्या की आशंका को भी नकार दिया। उन्होंने कहा, इन विकास खंडों में कन्या भ्रूण हत्या की आशंका भी निराधार साबित हुई है क्योंकि वहां बालिकाओं ने भी जन्म लिया। हालांकि, उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले की तह तक जाने के लिए अपनी जांच जारी रखेगी और यह पता लगाने का प्रयास करेगी कि इन विकास खंडों में पिछले तीन माह में भ्रूण लिंगानुपात इतना कम क्यों रहा। पिछले दिनों उत्तरकाशी जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन गांवों में पिछले तीन महीनों में एक भी बच्ची के जन्म न लेने के आंकड़े जारी किए जाने के बाद प्रदेश से लेकर देश तक में हड़कंप मच गया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री रावत ने इसकी जांच के आदेश दिए थे। 

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