बीजेपी के बुरे वक्त के पीछे पार्टी मुख्यालय में वास्तु दोष?(Video)

Edited By shukdev,Updated: 21 Dec, 2018 07:52 PM

हाल ही में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनावों में हुई हार के बाद बीजेपी नेताओं में चर्चा चल रही है कि बीजेपी के नए मुख्यालय में वास्तु दोष है जिसके चलते पार्टी का बुरा दौर शुरू हुआ है। बीजेपी के नए मुख्यालय का उद्घाटन 18 फरवरी 2018 को हुआ...

नेशनल डेस्क (मनीष शर्मा): हाल ही में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनावों में हुई हार के बाद बीजेपी नेताओं में चर्चा चल रही है कि बीजेपी के नए मुख्यालय में वास्तु दोष है जिसके चलते पार्टी का बुरा दौर शुरू हुआ है। बीजेपी के नए मुख्यालय का उद्घाटन 18 फरवरी 2018 को हुआ था। कुछ बीजेपी नेता चाहते हैं कि बीजेपी फिर से पुराने अशोका रोड वाले मुख्यालय में वापस चली जाए। आइये जानते हैं नए मुख्यालय के उद्घाटन के बाद से ऐसी क्या-क्या घटनाएं हुई जिससे मुख्यालय में वास्तु दोष की आशंकाओं को बल मिल रहा है।

बीजेपी का नया पता - 6 - A, पंडित दीन दयाल उपाध्याय मार्ग, दिल्ली
बीजेपी मुख्यालय का पुराना पता - 11 अशोका रोड, दिल्ली

PunjabKesariबीमार हुए शीर्ष नेता
1.मनोहर पर्रिकर: मार्च 2018 से गोवा के मुख्यमंत्री पर्रिकर बीमार चल रहे हैं। 27  अक्टूबर 2018 को गोवा सरकार ने मीडिया को बताया कि उन्हें पैनक्रियाटिक कैंसर है।

PunjabKesari2.अरुण जेटली: 14 मई 2018 को वित्त मंत्री जेटली का गुर्दा प्रत्यारोपण हुआ। अप्रैल की शुरुआत से वित्तमंत्री गुर्दे से संबंधित समस्याओं के कारण मंत्रालय नहीं जा रहे थे और उन्होंने अपनी बीमारी की जानकारी ट्वीट से दी।

PunjabKesari3.सुषमा स्वराज: वैसे तो विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का किडनी ट्रांसप्लांट 2016 में हुआ था लेकिन अब ख़राब सेहत के चलते उन्होंने पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करना बंद कर दिया है। 20 नवंबर 2018 को सुषमा स्वराज ने मीडिया को बताया कि ख़राब सेहत के कारण 2019 के लोकसभा का चुनाव वह नहीं लड़ेंगी।PunjabKesari4.नितिन गडकरी: पिछले कुछ समय से केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा है। 7 दिसंबर को गडकरी अहमदनगर में एक कार्यक्रम के दौरान मंच पर बेहोश हो गए।

PunjabKesari5.अनंत कुमार: 12 नवंबर 2018 को मोदी सरकार में संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार का बेंगलुरु के प्राइवेट हॉस्पिटल में निधन हो गया। वह कैंसर से पीड़ित थे। 59 साल के अनंत कुमार पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे।

PunjabKesariचुनावों में हुआ बुरा हाल

  •  देश में 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए जिसमें बीजेपी सिर्फ पूर्वोत्तर का छोटा राज्य त्रिपुरा ही जीत पाई।
  • 13 संसदीय उपचुनावों में बीजेपी सिर्फ 2 सीटें (महाराष्ट्र की पालघर और कर्नाटक की शिवमोगा) ही जीत पाई । इन उपचुनावों में बीजेपी ने अपनी 9 सीटें खो दी जो उसने 2014 में मोदी लहर में जीतीं थी। बीजेपी ने जो 9 सीटें हारीं वो है - राजस्थान की अलवर और अजमेर, उत्तर प्रदेश की गोरखपुर,फूलपुर और कैराना, महाराष्ट्र की भंडारा-गोंदिया और कर्नाटक की बेल्लारी।
  • विधानसभा उपचुनावों में बीजेपी को सिर्फ एक सीट से ही संतोष करना पड़ा। बीजेपी उत्तराखंड की थराली सीट ही जीत पाई।

PunjabKesariसहयोगियों का छूटा साथ

  • तेलगु देशम पार्टी: 16  मार्च 2018 को आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य की मांग पूरा होते न देख टीडीपी अध्यक्ष एन चंदरबाबू नायडू ने एनडीए से अलग होने की घोषणा की।
  • जम्मू-कश्मीर पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी : तीन साल से ज़्यादा जम्मू-कश्मीर में शासन करने बाद 19 जून 2018 को बीजेपी ने पीडीपी सरकार से समर्थन वापस ले लिया। पीडीपी सरकार के गिरने के बाद वहां पहले राज्यपाल शासन लगा और अब राष्ट्रपति शासन लागू है।
  • राष्ट्रीय लोक समता पार्टी - 10 दिसंबर 2018 को रालोसपा एनडीए से अलग हो गई। कहा जा रहा था कि 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ज़्यादा सीट मांग रहे थे , मांग पूरी होती न देख वह अलग हुए हैं लेकिन 20 दिसंबर को यूपीए में शामिल होने के दौरान हुई प्रेस कांफ्रेंस में कुशवाहा ने बताया कि बिहार में बीजेपी की सहयोगी जनता दल यूनाइटेड उनकी पार्टी को बर्बाद करना चाहती थी इसलिए उन्होंने एनडीए से अलग होने का फैसला किया।
  • लोक जनशक्ति पार्टी: फिलहाल लोजपा एनडीए में बनी हुई है लेकिन बिहार में सीटों के बॅटवारे के फॉर्मूले से लोजपा अभी तक राज़ी नहीं हुई है। 18 दिसंबर 2018 को चिराग पासवान ने ट्वीट में कहा, "गठबंधन की सीटों को लेकर कई बार भारतीय जनता पार्टी के नेताओ से मुलाक़ात हुई परंतु अभी तक कुछ ठोस बात आगे नहीं बढ़ पाई है। इस विषय पर समय रहते बात नहीं बनी तो इससे नुक़सान भी हो सकता है।"

PunjabKesariमोदी सरकार के खिलाफ अविश्वाश प्रस्ताव
पिछले चार साल में पहली बार विपक्ष ने 20 जून 2018 को मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव संसद में पेश किया । प्रस्ताव लाने वाले बीजेपी के पूर्व सहयोगी तेलगू देशम पार्टी के सांसद थे। हालाँकि अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 126 वोट पड़े जबकि विरोध में 325 मत पड़े।

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