Edited By Monika Jamwal,Updated: 04 May, 2018 11:58 AM
वैष्णो देवी में श्रद्धालुओं को घोड़ा गाड़ी और पिटठू सेवा देने वाले खच्चर मालिकों के पुनर्वास के लिए अब श्रद्धालुओं से एक रूपया लिया जाएगा। इस बात का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। कोर्ट ने कहा कि श्रद्धालुओं से अगर एक-एक रु पया भी लिया जाता है तो...
जम्मू: वैष्णो देवी में श्रद्धालुओं को घोड़ा गाड़ी और पिटठू सेवा देने वाले खच्चर मालिकों के पुनर्वास के लिए अब श्रद्धालुओं से एक रूपया लिया जाएगा। इस बात का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। कोर्ट ने कहा कि श्रद्धालुओं से अगर एक-एक रु पया भी लिया जाता है तो यकीनन एक वर्ष में इतना पैसा जमा हो जाएगा कि यह योजना सिरे चढ़ सकती है।
जस्टिस मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता के बैंच के समक्ष जम्मू कश्मीर सरकार की तरफ से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल मनिंदरजीत सिंह ने कहा कि इन लोगों के पुनर्वास पर सलाना 2.1 करोड़ का खर्च आएगा। इस बारे में राज्य की केबिनेट में चर्चा की गई थी पर श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने इस योजना पर इतना पैसा खर्च करने से मना कर दिया था। वहीं बेंच ने यह भी कहा था कि माता तो आकर नहीं बताएगी कि कानून क्या है? बेंच ने कह था कि संबंधित पक्षों को मिलकर समाधान निकालना होगा।
बेंच ने कहा था कि हर रोज करीब पचास हजार श्रद्धालु माता के दर्शनों को आते हैं और अगर इनसे एक-एक रु पया भी लिया जाए तो सालाना यह राशि 1.80 करोड़ बनती है और इससे आसानी से योजना को पूरा किया जा सकता है। श्राइन बोर्ड की तरफ से पेश वकील मुकुल रोहतागी ने कहा था कि वे बोर्ड को इस बारे में अवगत करवा देंगे। कोर्ट ने यह भी कहा था कि कानूनी तौर पर श्राइन बोर्ड को अगर फैसला चाहिए तो कोर्ट आदेश पारित कर सकता है। इस मामले में अगली सुनवई जुलाई में होगी।