Edited By Seema Sharma,Updated: 01 Sep, 2020 02:33 PM
देशभर में मंगलवार को भगवान गणेश को भक्तों ने बड़ी धूमधाम से विदा किया। विघ्नहर्ता भगवान गणेश के जन्मदिवस गणेश चतुर्थी पर शुरू हुए पर्यावरण अनुकूल गणेश महोत्सव का मंगलवार को अनंत चतुर्दशी पर समापन हो गया। पर्यावरण में योगदान देने की नई परंपरा का...
नेशनल डेस्कः देशभर में मंगलवार को भगवान गणेश को भक्तों ने बड़ी धूमधाम से विदा किया। विघ्नहर्ता भगवान गणेश के जन्मदिवस गणेश चतुर्थी पर शुरू हुए पर्यावरण अनुकूल गणेश महोत्सव का मंगलवार को अनंत चतुर्दशी पर समापन हो गया। पर्यावरण में योगदान देने की नई परंपरा का संचार करते हुए श्रद्धालुओं ने मिट्टी के श्री गणेश जी की प्रतिमा का घर-घर में ही विसर्जन कर इस मिट्टी में पौधा लगाना शुरू कर दिया है। गणेश प्रतिमा की स्थापना चतुर्थी के दिन 22 अगस्त को की गई थी और आज 11वें दिन उनका विसर्जन कर दिया गया।
वैश्विक महामारी कोरोना के चलते मास्क लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए राज्यभर में आज अनंत चतुर्दशी के मौके पर गणपति बप्पा की प्रतिमाओं की विदाई और विसर्जन मंदिरों तथा घर-घर में किया जा रहा है।
इस साल हर साल की तरह ढोल, नगाडों, बैंड-बाजों की धुन पर गुलाल उड़ाते हुए नाचते गाते गणेश जी की प्रतिमाओं को नदी, तालाबों और समुद्र की ओर ले जाते लोगों की भीड़ नजर नहीं आई। लेकिन आज सुबह से ही भक्तों ने मंदिरों, घरों में आरती, महाआरती, भजन और कीर्तन करते हुए छोटी-बड़ी गणेशजी की प्रतिमाओं का विसर्जन किया।
अनंत चतुर्दशी पर ‘‘गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ‘‘ के जयघोष के साथ ढोल-नगाड़े और डीजे की धुन पर नाचते-गाते अबीर गुलाल उड़ाते भक्तगण इको फ्रेंडली गजानन की प्रतिमाओं का मंदिरों और अपने-अपने घरों में मास्क लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए कुंड बनाकर विसर्जन कर रहे हैं। कई जगहों पर गणेशोत्सव के डेढ़ दिन, तीन दिन, पांच दिन, सात दिन, दस दिन में बप्पा का विसर्जन किया गया।